Amritpal Net worth, Assets: खालिस्तानी सिख समर्थक अमृतपाल सिंह फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। नेशनल सिक्यॉरिटी एक्ट के तहत जेल में बद अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर खडूर साहिब से अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है। चुनावी हलफनामे में अमृतपाल सिंह ने अपने पास मौजूद संपत्ति का भी खुलासा किया है। इस एफिडेविट के मुताबिक, अमृतपाल सिंह के पास बैंक अकाउंट में कुल 1000 रुपये हैं।
बता दें कि 31 साल के अमृतपाल ने डिब्रूगढ़ जेल में ही अपना नामांकन पर्चा भरा था। उसके चाचा के द्वारा नामांकन की कागजी कार्यवाही की गई।
Amritpal Singh Net Worth
अमृतपाल सिंह के चुनावी पर्चे के मुताबिक, ‘वारिस पंजाब दे’ का स्वघोषित मुखिया का अमृतसर के SBI अकाउंट में 1000 रुपये हैं। इसके अलावा उसके पास किसी और तरह की चल या अचल सपंत्ति नहीं है।
अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर के पास कुल 18.37 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसमें 20000 रुपये कैश हैं। वहीं 14 लाख रुपये के सोने के गहने और 4000GBP (पाउंड) भी हैं। 4000 जीबीपी भारतीय मुद्रा में करीब 4 लाख 17 हजार 440 रुपये के बराबर हैं। यह रकम ब्रिटेन के Revolut Ltd लंदन के एक अकाउंट में है।
अमृतपाल सिंह ने अपने माता-पिता पर निर्भर दिखाया गया है जबकि उसकी पत्नी एक ब्रिटिश नागरिक है। उसकी पत्नी फिलहाल एक होममेकर हैं लेकिन एफिडेविट के मुताबिक, उसने पहले ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विसेज में लैंग्वेज इंटरप्रेटर के तौर पर काम किया है।
अमृतपाल ने अपने एफिडेविट में अपने ऊपर चल रहे कुल 12 आपराधिक मामलों की भी जानकारी दी है। और दिखाया है कि उसे किसी भी केस में अभी तक दोषी नहीं करार दिया गया है। बात करें पढ़ाई-लिखाई की तो अमृतपाल ने 2008 में अमृतसर के फेरुमान के एक स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ाई की है।
बता दें कि अमृतपाल सिंह द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल करने के लिए 7 दिन की पैरोल के लिए याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर पंजाब सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को जवाब देते हुए कहा था कि उसके नॉमिनेशन के लिए जेल में ही तैयारियां कर दी गई हैं।
खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अमृतपाल सिंह को ‘माइक’ चुनाव चिन्ह मिला है।
पिछले साल गिरफ्तार हुआ था अमृतपाल
बता दें कि खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले के मारे जाने के बाद अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल 2023 को मोगा के एक गांव से गिरफ्तार किया गया था। 18 मार्च को जालंधर से ही खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल लगातार गाड़ियां और लोकेशन बदल रहा था और करीब एक महीने की मशक्कत के बाद पुलिस उसे अरेस्ट करने में कामयाब रही थी।