रिजर्व बैंक ऑफ इंडियया (RBI) ने पिछले महीने ही पुणे के एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था और आज यानी 22 सितंबर, 2022 से यह बैंक बंद कर दिया गया है। इस बैंक से कोई भी जमाकर्ता अब कैश भी नहीं निकाला सकता है। इसके अलावा, किसी तरह के बैंकिंग लेनदेन और बिजनेस भी नहीं कर सकता है।

10 अगस्‍त को RBI की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया था कि 110 साल पुराने पुणे के ‘रुपया सहकारी बैंक लिमिटेड, बैंक का लाइसेंस अगले 6 हफ्तों यानी 22 अगस्‍त से कैंसिल हो जाएगा। इसलिए इस समय अंतराल के बीच ग्राहक रकम की निकासी कर सकते हैं। लेकिन इसके बाद ग्राहक अपने पैसे को विड्राल नहीं कर पाएंगे। साथ ही अगर एफडी है तो भी इसे पहले ही निकाल लें।

मिलेगी 5 लाख रुपये तक की रकम

RBI की ओर से कहा गया था कि 5 लाख रुपये तक की रकम नहीं डूबेगी, क्‍योंकि लोगों बैंक में जमा राशि पर DICGC की ओर से 5 लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। बता दें कि डीआईसीजीसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की एक सब्सिडरी है। सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार , 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।

क्‍यों बंद हो रहा है यह बैंक

पुणे के इस को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं और इस तरह, यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करता है। ऐसे में इस बैंक का लाइसेंस रद्द किया जा रहा है और इसके व्‍यवसाय पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

आरबीआई की ओर से कहा गया है कि यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(D) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है। बैंक धारा 22(3) (A) की आवश्यकताओं का अनुपालन करने में विफल रहा है। आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और कहा कि बैंक की निरंतरता उसके जमाकर्ताओं के हितों के अनुसार है।