Adani- NDTV Deal: अडानी- एनडीटीवी मामले में गुरुवार (25,अगस्त) को एक नया मोड़ आया। एनडीटीवी ने शेयर मार्किट को यह जानकारी दी कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश के चलते फिलहाल प्रवर्तक प्रणय रॉय और राधिका रॉय अडानी ग्रुप को हिस्सेदारी नहीं बेच सकते हैं।
एनडीटीवी ने अपने बयान में कहा कि सेबी ने 27 नवंबर, 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कंपनी के संस्थापक और प्रवर्तक प्रणय रॉय एवं राधिका रॉय पर शेयर बाजार में किसी तरह की शेयर की खरीद बिक्री पर 2 साल के लिए प्रतिबंध लगाया है और यह 26 नवंबर, 2022 को खत्म होगा।
बता दें, मंगलवार (23 अगस्त, 2022) को अडानी ग्रुप ने वीसीपीएल से एनडीटीवी की प्रवर्तक कंपनी आरआरपीआर का अधिग्रहण कर लिया था, जिसके पास कंपनी का 29.18 फीसदी हिस्सा है। प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने करीब 10 साल पहले वीसीपीएल से आईसीआईसीआई बैंक का लोन चुकने के लिए 400 करोड़ रुपए का लोन लिया था और इसके बदले वीसीपीएल को अधिकार दिया था कि वह एनडीटीवी में मौजूद आरआरपीआर की हिस्सेदारी का कभी भी अधिग्रहण कर सकता है।
इस डील के बाद अडानी ग्रुप मीडिया कंपनी एएमएनएल ने बयान जारी कर कहा था कि आरआरपीआर, एनडीटीवी की प्रवर्तक कंपनी है। कंपनी के पास मौजूदा समय में एनडीटीबी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी है। एएमएनएल के सीईओ संजय पुगलिया ने कहा कि एनडीटीवी समाचारों में अग्रणी होने के साथ-साथ देश के सभी जेनर्स और ज्योग्राफी में अच्छी मौजूदगी है। कंपनी का डिजिटल प्लेटफॉर्म और ब्रॉडकास्ट हमारे विजन के प्रसार के लिए एकदम उपयुक्त है। इससे पहले अडानी समूह ने इस साल की शुरुआत में क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में अल्पमत हिस्सेदारी खरीदी थी।
इस डील पर एनडीटीवी ने कहा था कि वीसीपीएल ने जिस अधिकार का प्रयोग कर अडानी ग्रुप को हिस्सेदारी बेची है। वह उसे प्रणय रॉय एवं राधिका रॉय ने 2009-10 में हुए एक कर्ज समझौते में तहत दिया है। इस अधिकार के तहत वीसीपीएल ने आरआरपीआर पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। आरआरपीआर के पास मोजूद शेयर ट्रांसफर करने के लिए एएमएनएल की ओर से दो दिन का समय दिया गया है।