संसद की एक समिति ने पोंजी योजनाओं के जरिए प्राप्त की गई राशि के गलत उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार से बहु-राज्य सहकारी संस्थाओं के लिये नियामकीय व्यवस्था दुरुस्त करने और चिट फंड के लिए उपयुक्त कानून लाने को कहा है। बहु-राज्य सहकारी संस्था (एमएससीएस) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन आता है जबकि चिट फंड राज्य सरकार द्वारा नियमित होता है। संसदीय समिति ने कहा, ‘एमएससीएस के संदर्भ में नियामकीय व्यवस्था को दुरुस्त और कड़ा किया जाना चाहिए ताकि वे पोंजी योजनाओं के जरिए जुटाए गए अवैध कोष को दूसरे कामों में उपयोग तथा उसे बचाव का माध्यम नहीं बने…. इस संदर्भ में जरूरी कदम तत्काल उठाये जाने चाहिए।’
वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने कहा है कि जिन संस्थानों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं, उनके खिलाफ समयबद्ध मजबूत कार्रवाई की जाए। समिति के समक्ष रखे अपने जवाब में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसी शिकायतें हैं कि जिन कंपनियों के खिलाफ सेबी ने सामूहिक निवेश योजनाओं में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर आदेश दिए हैं, उन्होंने एमएससीएस गठित कर अपने कोष हस्तांरित किए। संसदीय समिति ने सरकार से संसद के शीतकालीन सत्र में चिट फंड क्षेत्र के लिए जरूरी कानून लाने को भी कहा है।