प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों और एनबीएफसी के प्रमुखों से कहा है कि उन्हें अपने काम करने के तरीके पर एक बार फिर से गौर करना चाहिए। पीएम मोदी ने क्रेडिट ग्रोथ में कमी को लेकर कहा कि उन्हें सिर्फ एनपीए के डर से कर्ज देने से मना नहीं करना चाहिए और अच्छे प्रस्तावों को स्वीकार किया जाना चाहिए। बुधवार को बैंक प्रमुखों के साथ मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि बैंक अधिकारी ऋण वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए अपने काम के तरीकों पर फिर से गौर करें। उन्होंने कहा कि केवल इस डर से अच्छे प्रस्तावों को लौटाया न जाए कि कर्ज फंस सकता है। उन्होंने बैठक में अर्थव्यवस्था को समर्थन देने में वित्तीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए करीब तीन घंटे चली बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों के सीईओ और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के प्रमुख शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री ने सरकार की तरफ से वित्तीय क्षेत्र को हर प्रकार के समर्थन का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने इस मीटिंग की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘बैंकों और एनबीएफसी के अधिकारियों के साथ आर्थिक वृद्धि की योजनाओं, उद्यमियों की मदद और अन्य पहलुओं पर व्यापक विचार विमर्श किया।’ मोदी ने बैंक अधिकारियों से कहा कि वे छोटे उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और किसानों को संस्थागत कर्ज लेने के लिए आगे आने को प्रेरित करें।

पीएम नरेंद्र मोदी के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘प्रत्येक बैंक को आत्ममंथन करने और मजबूत ऋण वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कामकाज के तौर तरीके पर फिर से गौर करने की जरूरत है। बैंकों को सभी प्रस्तावों को एक ही मानदंड से विचार करने की जरूरत नहीं है और ऋण देने योग्य प्रस्तावों को अलग करने और उन्हें चिन्हित करने की जरूरत है तथा यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें पहले के एनपीए (अवरुद्ध कर्जों) के नाम पर कष्ट भुगतना नहीं पड़े।’

पीएम मोदी ने मांगी इन स्कीमों की प्रोग्रेस रिपोर्ट: बैठक में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) के लिए आपात ऋण सुविधा, अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड, एनबीएफसी और छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थानों (सूक्ष्म वित्त संस्थान) के लिए नकदी व्यवस्था में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। बयान के अनुसार बैठक में यह रेखांकित किया गया कि ज्यादतर योजनाओं में अच्छी प्रगति हुई है। बैंकों को लाभार्थियों के साथ सक्रियता से जुड़ने की जरूरत पर बल दिया गया ताकि उन तक कर्ज समर्थन का लाभ संकट के दौरान समय पर पहुंचे।

PM ने दिलाया भरोसा, बैंकों के साथ मजबूती से खड़ी है सरकार: बयान के अनुसार बैठक में जोर दिया गया कि सरकार बैंक व्यवस्था के पीछे मुस्तैदी से खड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बैंकों को केंद्रीय डेटा प्लेटाफार्म, डिजिटल दस्तावेज व्यवस्था, ग्राहकों के मामले में डिजिटल तरीके से सूचना के साझा उपयोग जैसी वित्तीय प्रौद्योगिकी अपनानी चाहिए। इससे कर्ज की पहुंच बढ़ेगी, ग्राहकों के लिए चीजें आसान होगी, बैंकों की लागत कम होगी और धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगेगा।’ उन्होंने कहा कि भारत ने मजबूत, कम लागत वाला बुनियादी ढांचा तैयार किया है जिससे प्रत्येक भारतीय आसानी से किसी भी राशि के डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं। उन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से अपने ग्राहकों के बीच रूपे और यूपीआई के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा।