प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में ‘यूनीकॉर्न’ कंपनियों की संख्या 100 तक पहुंचने का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में भी भारत के स्टार्टअप ने धन कमाना और मूल्यांकन बढ़ाना जारी रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो में प्रसारित होने वाले मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि इस महीने की पांच तारीख को भारत में ‘यूनीकॉर्न’ की संख्या 100 हो गई।

उन्होंने कहा, ‘‘यूनिकॉर्न’ का मतलब है कि कम से कम 7,500 करोड़ रुपये के कारोबार वाला स्टार्टअप। इन यूनीकॉर्न का कुल मूल्यांकन 330 अरब डॉलर है, जो भारतीय मुद्रा में 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। निश्चित ही, यह हर भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुल यूनिकॉर्न कंपनियों में से 44 यूनीकॉर्न केवल पिछले साल स्थापित की गईं। इसके अलावा, इस साल तीन से चार महीनों की अवधि में 14 यूनीकॉर्न कंपनियां स्थापित की गईं। इसका अर्थ है कि वैश्विक महामारी में भी हमारे स्टार्टअप ने धन कमाना और मूल्यांकन बढ़ाना जारी रखा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारतीय यूनिकॉर्न की औसत वार्षिक वृद्धि दर अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों की तुलना में अधिक है। हमारी यूनिकॉर्न कंपनियां विविधतापूर्ण बन रही हैं। स्टार्टअप की दुनिया नए भारत की भावना को प्रदर्शित कर रही है और छोटे शहरों एवं कस्बों के लोग उद्यमी बन रहे हैं।’’

बता दें, उन स्टार्टअप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है, जिनकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर से अधिक हो जाती है। भारत में फ्लिप्कार्ट, ओयो, वेदान्तु, कार्स24, ड्रीम 11 और जीरोधा का नाम बड़े स्टार्टअप में शामिल है।

भारत सरकार की ओर से स्टार्टअप योजना को 16 जनवरी, 2016 को शुरू किया था। मंत्रालय के द्वारा जारी आकंड़ों के मुताबिक इस योजना के शुरू होने के बाद 2 मई 2022 तक 69 हजार से स्टार्टअप कंपनियों ने अपना करोबार शुरू किया है। ये कंपनियां 56 अलग- अलग सेक्टरों में कार्य कर रही है। इसमें से 13 फीसदी स्टार्टअप आईटी सेक्टर से, 9 फीसदी स्टार्टअप हेल्थकेयर सेक्टर से, 7 फीसदी स्टार्टअप एजुकेशन सेक्टर से, 5 फीसदी पेशेवर सेवाओं में, 5 फीसदी कृषि क्षेत्र में और 5 फीसदी फूड सेक्टर से हैं।