Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है। 25 मार्च से 14 अप्रैल तक चलने वाली इस बंदी के चलते कारोबारियां गतिविधियां तो प्रभावित ही हैं, किसानों को भी बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के ही अनुमानों के मुताबिक इस बार रबी सीजन में 10.5 करोड़ टन गेहूं की पैदावार का अनुमान है।

हालांकि देश भर में लॉकडाउन के चलते किसानों को फसल काटने के लिए भी रोका जा रहा है। फसल काटने का यह पीक सीजन है और 14 अप्रैल तक इसे रोके जाने से फसलों को बड़ा नुकसान हो सकता है। यही नहीं इस तरह के नुकसान की भरपाई को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। खड़ी फसल को न काटने को लेकर फसल बीमा में कोई नियम नहीं है। सभी नियम फसलों में कीड़ा लगने, प्राकृति आपदा जैसी चीजों को लेकर ही हैं।

14 अप्रैल से भी आगे बढ़ने की आशंका: यह चिंता इसलिए भी गहरी है क्योंकि लॉकडाउन की स्थिति 14 अप्रैल के बाद आगे भी बढ़ सकती है। पंजाब एवं हरियाणा समेत कई राज्य सरकारों ने गेहूं की फसल की खरीद को टाल दिया है। आमतौर पर गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो जाती है। हर साल सरकार करीब 3 से 3.5 करोड़ टन तक गेहू की खरीद करती है।

किसान नेता बोले, यही रहा तो क्या करेंगे: भारतीय किसान यूनियन के एक नेता ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, ‘यदि लॉकडाउन की स्थिति ऐसे ही जारी रहे तो किसान कैसे अपनी फसल को काटेंगे और उसे बेचने के लिए मंडी जाएंगे। फिलहाल हर किसान के सामने यही सबसे बड़ा सवाल है।’

आलू की फसल की खुदाई पहले ही प्रभावित: पंजाब में पहले से ही आलू की फसल को लेकर समस्या आ रही है। आलू खोदने के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि ज्यादातर लोग कोरोना के संकट के बीच अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार का रुख कर चुके हैं। अब सरकार की ओर से कर्फ्यू लगाए जाने के बाद यह समस्या और गहरी हो गई है।

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