पिछले चार महीनों से स्थिर पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel Price Hike) की कीमतों में अब लगातार इजाफा होने लगा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पिछले पांच दिनों में चौथी बार इजाफा हुआ है। तेल कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल के दाम प्रति लीटर 80 पैसे बढ़ाए हैं। पिछले पांच दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 3.20 रू प्रति लीटर बढ़े हैं। विधानसभा चुनावों से पहले, चार महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर थे। वहीं, शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जिसके अगले दिन यानी शनिवार को भी पेट्रोल-डीजल के दाम 80 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से बढ़े हैं।
शनिवार को हुई बढ़ोतरी के बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 98.61 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है जबकि डीजल 89.87 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। इससे पहले, 22, 23 और 25 मार्च को भी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में 80-80 पैसे का इजाफा किया था। 24 मार्च को पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई इजाफा नहीं किया गया था। 22 मार्च से अब तक पेट्रोल-डीजल के अलावा, रसोई गैस, सीएनजी और पीएनजी के दाम भी बढ़े हैं।
चुनाव खत्म होते ही बढ़ने लगे तेल के दाम
5 राज्यों में चुनाव खत्म होते ही तेल के दाम बढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह शनिवार को भी जारी रहा। इसके पहले, 137 दिनों तक तेल की कीमतें स्थिर थीं। जानकारों के मुताबिक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार कई दिनों तक इजाफा हो सकता है। तेल की कीमतों में हर रोज हो रहे इजाफे ने आम आदमी की जेब पर बोझ एक बार फिर बढ़ा दिया है।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, हालांकि, तेल कंपनियों ने तुरंत दाम नहीं बढ़ाए थे। लेकिन पिछले पांच दिनों में चौथी बार कीमतों में इजाफे के बाद कहा जा रहा है कि पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। बता दें कि भारत अपनी तेल की जरूरत पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।
यूक्रेन रूस में युद्ध अभी जारी है और इस युद्ध का वैश्विक असर देखने को मिल रहा है। दुनिया भर में विभिन्न उत्पादों पर इसका असर देखा जा सकता है। अब पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। क्रूड ऑयल के दाम भी कम होने के संकेत नहीं मिल रहे हैं।