मौजूदा एकेडमिक ईयर में बैंक जहां हायर एजुकेशन लोन देने में काफी सावधानी बरत रहे हें और अधि‍क मानकों का मूल्‍यांकन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बैंकों की ओर से एजुकेशन लोन की ब्‍याज दरों में कमी भी की है। हाल ही में कई बैंकों ने फेस्‍ट‍िव ऑफर्स के बहाने एजुकेशन लोन की दरों में कमी की है। जिसकी वजह से उन लोगों को काफी राहत मिली है जो अपने बच्‍चों को हायर एजुकेशन के लिए विदेश में पढ़ाई के लिए भेजने का विचार कर रहे हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि कौन से बैंक एजुकेशन लोन को सस्‍ता किए हुए हैं।

6.75 फीसदी से 7.15 फीसदी तक एजुकेशन लोन
कई बैंकों की ओर से एजुकेशन लोन की ब्‍याज दरों को कम करके 6.75 फीसदी से 7.15 फीसदी तक कर दिया है। जिसकी वजह से उनकी एजुकेशन लोन की ईएमआई पर भी काफी असर देखने को मिला है। अगर कोई 20 लाख रुपए का एजुकेशन लोन ले रहा है और उसका लोन चुकाने का टेन्‍योर 7 साल है तो उसकी ईएमआई 29900 रुपए से लेकर 30300 रुपए तक चुकाना होगा। इसका मतलब है कि होम लोन लेने वालों को इन ब्‍याज दरों पर 5 लाख से लेकर 5.50 लाख रुपए अतिरिक्‍त ब्‍याज रूप में चुकाना होगा।

20 लाख के लोन पर 7 साल में कितनी बनेगी ईएमआई

बैंका का नाम ब्‍याज दर (फ‍ीसदी में) लोन ईएमआई (रुपए में)
बैंक ऑफ बड़ौदा 6.75 29,942
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 6.829,990
एसबीआई 6.8530,039
पीएनबी6.930,088
बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र 7.0530,234
इंडियन बैंक 7.15 30,332

एजुकेशन लोन लेते समय इन बातों का रखें ध्‍यान

लेंडर्स की ब्याज दरों की तुलना करें : किसी भी अन्य ऋण की तरह, एजुकेशन लोन प्राप्त करने के लिए विभिन्न लेंडर्स से ब्याज दरों की तुलना करें। कई मामलों में, आप नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) से भी लोन से ले सकते हैं। तुलना करने से आपको एक लेंडर चुनने में मदद मिलेगी जो सबसे सस्ती ब्याज दर पर लोन देगा। ध्यान दें कि ब्याज दर का ईएमआई पर सीधा असर पड़ता है, और ब्याज दर जितनी अधिक होती है, उतनी ही अधिक ईएमआई को लोन के लिए खर्च करने की आवश्यकता होती है।

आवश्यक लोन अमाउंट का असेसमेंट करें : शिक्षा पूरी करने के बाद, आपके बच्चे को लोन चुकाना होगा। जबकि आमतौर पर, कुछ महीनों से लेकर एक वर्ष तक की लोन मोराटोरियम टेन्‍योर होता है, समय पर चुकाने में विफल रहने से आपके बच्चे का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। इसलिए, एक ऐसे लोन आवश्यकता है जिसे आसानी से चुकाया जा सके। इसलिए, किसी भी उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, माता-पिता को कोष के एक निश्चित हिस्से को अनुशासित और नियोजित बचत के माध्यम से डाउन पेमेंट के रूप में व्यवस्थित करना चाहिए और लोन के माध्यम से कमी को पूरा करना चाहिए। रीपेमेंट की सुविधा के लिए लोन अमाउंट उचित होनी चाहिए।

कोलैटरल के बारे में जानकारी लें : एक निश्चित राशि तक के लोन के लिए जो अलग-अलग लेंडर्स में भिन्न होता है, किसी कोलैटरल की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरे शब्दों में, आपको सुरक्षा के रूप में कुछ भी गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यदि राशि काफी अधिक है, तो लेंडर गिरवी के लिए कुछ मांग सकते हैं। पेमेंट ना होने की स्थित‍ि में लेंडर्स कोलैटरल पर वापस आ जाते हैं। एजुकेशन लोन लेने से पहले यह पता कर लें कि लेंडर को कोलैटरल की कोई जरूरत है या नहीं। आम तौर पर फ‍िक्‍स्‍ड डिपॉजिट, संपत्ति, मैच्‍योरिटी बेनिफ‍िट वाली बीमा पॉलिसियों को कोलैटरल के रूप में स्वीकार किया जाता है। यदि आपके पास गिरवी रखने के लिए कुछ नहीं है तो एक लेंडर ऐसा देखें तो इसके बिना लोन का वितरण करता है।