सकरार की ओर से लगभग हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बचत योजनाएं चलाई जाती हैं। ऐसे ही एक योजना प्रधान मंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) है, जो अधिक उम्र में हर महीने रुपये की कमी को पूरा करती है। यह भविष्‍य की योजना है, जो वर्तमान में 10 वर्षों में मासिक देय 7.40 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से सुनिश्चित पेंशन प्रदान कर रही है।

इस योजना में निवेश करने वाले लोगों की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम आयु वर्ग के लोग निवेश के लिए पात्र नहीं होते हैं। इस योजना में निवेश करने की ऊपरी सीमा 15 लाख रुपये 10 साल के लिए होती है। इस योजना में पेंशन का भुगतान एक निश्चित समय अंतराल के दौरान किया जाता है। जैसे इसमें पेंशन भुगतान मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक पर किया जाता है। लाभार्थी निवेश की गई राशि के आधार पर प्रति माह 1,000 रुपये से 9,250 रुपये के बीच पेंशन प्राप्त कर सकता है।

भारतीय जीवन बीमा निगम के तहत इस योजना को संचालित किया जाता है। इस योजना को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। एलआईसी पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस पेंशन पॉलिसी पर वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए मासिक 7.40 प्रतिशत पेंशन की यह सुनिश्चित दर 10 साल की पूरी पॉलिसी अवधि के लिए देय होगी।

बता दें कि एक वर्ष के दौरान बेची गई पॉलिसियों के लिए पेंशन की गारंटीड दरों की समीक्षा की जाती है और प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तय किया जाता है। वित्तीय वर्ष के दौरान तय की जाने वाली दर 10 साल की पूरी पॉलिसी अवधि के लिए समान रहती है। वर्तमान में अधिकांश प्रमुख बैंक 10 साल तक की अवधि के लिए अपनी सावधि जमा योजनाओं पर लगभग 6.5 प्रतिशत की ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं।

योजना की खासियत
योजना को एकमुश्त खरीद मूल्य का भुगतान करके खरीदा जा सकता है। पेंशनभोगी के पास या तो पेंशन की राशि या खरीद मूल्य चुनने का विकल्प होता है। 10 वर्ष की पॉलिसी अवधि के दौरान पेंशनभोगी के जीवित रहने पर, बकाया पेंशन (चुनी गई पद्धति के अनुसार प्रत्येक अवधि के अंत में) देय होगी; जबकि 10 वर्ष की पॉलिसी अवधि के दौरान पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर, योजना दस्तावेज के अनुसार, लाभार्थी को खरीद मूल्य वापस कर दिया जाएगा। जबकि 10 वर्ष की पॉलिसी अवधि के अंत तक पेंशनभोगी के जीवित रहने पर, अंतिम पेंशन किस्त के साथ खरीद मूल्य देय होगा।

कितना देती है कर्ज
यह योजना पॉलिसी अवधि के दौरान असाधारण परिस्थितियों में समय से पहले बाहर निकलने की अनुमति देती है जैसे पेंशनभोगी को स्वयं या पति या पत्नी की किसी भी गंभीर / लाइलाज बीमारी के इलाज के लिए पैसे की आवश्यकता होती है। ऐसे मामलों में खरीद मूल्य का 98 प्रतिशत देय होगा। वहीं तीन पॉलिसी वर्ष पूरे होने के बाद ऋण सुविधा भी उपलब्ध है। अधिकतम ऋण जो दिया जा सकता है वह खरीद मूल्य का 75 प्रतिशत होगा।