अगर आप एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है तो आपके लिए यह खबर अहम हो सकती है। क्‍योंकि कर्मचारियों को मिलने वाले एलटीए, एचआरए, प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी में योगदान, मनोरंजन के लिए, टेलीफोन बिल, वाहन, किताबें और पत्रिकाएं जैसी भत्‍तों पर कर छूट का दावा किया जा सकता है। इस वित्‍त वर्ष यानी साल 2022 में कई भत्‍तों के टैक्‍स को लेकर बदलाव किया गया है।

इनपर सभी कंपनियों के एक जैसे ही नियम लागू होते हैं। आइए जानते हैं कि ग्रेच्युटी, प्रोविडेंट फंड, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), LTA और रिम्बर्समेंट पर आयकर का नियम क्‍या है और कितना तक छूट मिल सकता है।

एचआरए पर टैक्‍स
एचआरए सीटीसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किराए के आवास में रहने वाले कर्मचारियों को सहायता के तौर पर दिया जाता है। यदि कर्मचारी किराए पर नहीं रह रहा है तो एचआरए कर योग्य है।

धारा 10 (13ए) के तहत दी जाने वाली राशि के आधार पर, मेट्रो शहरों (यानी मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता) में रहते हैं तो वेतन का 50% और अन्य मामलों में वेतन का 40 फीसद या फिर वेतन के 10% से अधिक का भुगतान किए गए किराए के तहत टैक्‍स छूट का दावा किया जा सकता है।

रिम्बर्समेंट पर आयकर छूट
कंपनियां वाहन, पुस्तकों और पत्रिकाओं, मनोरंजन, टेलीफोन और इंटरनेट आदि के लिए कई भत्‍ते देती हैं। इसके तहत आयकर अधिनियम की धारा 10(14) के तहत, कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाले भत्ते कर मुक्‍त के अंतर्गत आ सकते हैं, यदि इसका इस्‍तेमाल किया गया हो।

वाहन भत्ता में किए गए व्यय की सीमा तक, टेलीफोन/मोबाइल और इंटरनेट की रिम्बर्समेंट भी आयकर अधिनियम के नियम 3(7) (ix) के तहत छूट देती है। वहीं धारा 10(14) के तहत पुस्तकों और पत्रिकाओं के लिए भी कर छूट का दावा किया जा सकता है। वहीं मनोरंजन भत्‍ता के तहत कर लागू होता है, लेकिन कंपनी के व्‍यवसायिक के लिए उपयोग करने पर कर छूट लिया जा सकता है। हालाकि दावा करने के लिए आपके पास बिल होना चाहिए।

भविष्य निधि के तहत आयकर नियम
प्रोविडेंट फंड में योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य है। इसके तहत 1.5 लाख तक की छूट राशि का दावा किया जा सकता है।

ग्रेच्युटी पर आयकर का नियम
रोजगार के दौरान प्राप्त ग्रेच्युटी पूरी तरह से कर योग्य है। सेवानिवृत्ति पर, ग्रेच्युटी पर कर लाभ मिल सकता है, यदि नियोक्ता ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अंतर्गत योग्‍य हो।

आयकर अधिनियम की धारा 10 (10) के तहत कर्मचारी प्राप्त वास्तविक राशि, 20 लाख रुपये, सैलरी का बेसिक पे + महंगाई भत्ता, सेवा के छह महीने या सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष के लिए 15 दिन के वेतन पर कर छूट पाया जा सकता है। वहीं अगर नियोक्ता ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है तो कम छूट दी जाती है।

एलटीए पर आयकर नियम
छुट्टी यात्रा भत्ते पर कर छूट का दावा करने के लिए वास्तविक यात्रा करदाता द्वारा, केवल घरेलू यात्राओं पर और कर्मचारी के पति या पत्नी, बच्चों, आश्रित माता-पिता, भाइयों और बहनों सहित अकेले कर्मचारी या उसके परिवार के लिए छूट उपलब्ध है।