कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को मेडिकल इमरजेंसी या फिर हॉस्पिटल में भर्ती होने पर प्रोविडेंट फंड का कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति देता है। यह सुविधा कर्मचारियों के लिए इसी साल शुरू की गई है। इससे पहले मेडिकल इमरजेंसी में केवल प्रोविडेंट फंड को हॉस्पिटल का बिल आने के बाद ही निकाला जा सकता था।
नए नियम लागू होने के बाद अब कोई भी ईपीएफओ का सदस्य अपने प्रोविडेंट फंड से मेडिकल इमरजेंसी के समय एक लाख रुपए तक की सहायता बिना किसी हॉस्पिटल बिल के प्राप्त कर सकता है। यह सुविधा केवल उन सदस्यों के लिए उपलब्ध है जो सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के अंतर्गत आते हैं।
बीमारी के इलाज के लिए सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पीएसयू) या सीजीएचएस-सूचीबद्ध अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए निकासी की जा सकती है। अगर अस्पताल निजी है तो ईपीएफओ अधिकारी द्वारा इसकी जांच के बाद ही आपको फोन भी निकासी की इजाजत दी जाएगी।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए पीएफ का पैसा कैसे निकालें
- ईपीएफओ पोर्टल पर लॉग इन करें
- अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और पासवर्ड सबमिट करके अपने खाते में लॉग इन करें।
- “ऑनलाइन सर्विसेज” टैब पर जाएं, और “क्लेम” विकल्प पर क्लिक करें।
- आपको एक नए पेज पर रीडायरेक्ट किया जाएगा जिसमें आपको यूएएन से जुड़े अपने बैंक विवरण को सत्यापित करने की आवश्यकता होगी।
- नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और अपनी स्वीकृति दें।
- “ऑनलाइन क्लेम के लिए आगे बढ़ें” पर क्लिक करें और निकासी आवेदन विकल्पों में से “मेडिकल इमरजेंसी” का विकल्प चुनें।
- यदि निकासी का आवेदन कार्य दिवस पर जमा किया जाता है, तो भुगतान अगले दिन के अंत तक किया जाएगा।
परिवार के सदस्यों के सुविधा के मुताबिक ईपीएफओ द्वारा स्वीकृत राशि को सदस्य अपने वेतन खाते में या फिर सीधे अस्पताल जहां पर मरीज का इलाज कराया जा रहा है वहां पर ट्रांसफर करवा सकता है। अगर मरीज को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, तो कर्मचारी को पीएफ निकासी की सुविधा का लाभ उठाने के लिए 45 दिनों के भीतर ईपीएफओ के पास मेडिकल बिल जमा करना होगा।
