पेट्रोल-डीजल के कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, ज्‍यादातर लोग ई-वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। सड़कों पर ईवी की संख्या 2022 में 10 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 300 मिलियन होने की उम्मीद है। ईवी को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी भी दे रही है। साथ ही जगह-जगह ईवी सबस्‍टेशन भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में समान्‍य वाहनों की तरह ही ईवी इंश्‍योरेंस कराना भी महत्‍वपूर्ण हो चुका है।

अगर आपने पहले से ही वाहन पर इंश्‍योरेंस करा रखा है तो आपको अलग से इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बीमा कराने की आवश्‍यकता नहीं है, उसी में इंश्‍योरेंस ऐड-ऑन करा सकते हैं। इसके अलावा, ऐड ऑन के सभी विकल्‍प के बारे में विस्‍तार से जानकारी कर लेनी चाहिए।

क्‍या है ऐड ऑन?

ऐड-ऑन आपकी कार बीमा पॉलिसी के साथ आने वाला अतिरिक्त बीाम प्‍लान है। ये एक्स्ट्रा ब्रेकडाउन कवर से लेकर लायबिलिटी कवर तक कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें अक्सर पर्सनल ज्‍वाइस या बजट के आधार पर चुना जाता है। ऐसे में अगर आप ईवी बीमा के लिए ऐड ऑन चुनना चाहते हैं, आपको कुछ बातों का विशेष तौर पर ध्‍यान देना चाहिए। साथ ही अच्‍छी तरह से रिसर्च भी करना जरूरी है।

इंश्‍योरेंस ऐड ऑन कराते समय इन बातों का रखें ध्‍यान

  • आपको यह जानना चाहिए हर ऐड-ऑन कैसे काम करता है। यह आपके आवश्‍यकता के अनुसार, अच्‍छा इंश्‍योरेंस प्‍लान चुनने में मदद करेगा।
  • यह भी जानना चाहिए कि ऐड ऑन में क्‍या-क्‍या चीजें शामिल हैं और एक्सिडेंट के मामले में इसका कब-कब उपयोग किया जा सकता है।
  • सबसे महत्‍वपूर्ण हैं कि आप ऐसा इंश्‍योरेंस ऐड ऑन कराएं, जो आपके बजट के अनुसार हो और प्राथमिकताओं को पूरा करना हो।

ऐड ऑन की लिस्‍ट

जिरो डिफ्रेसियशन ऐड ऑन: यह एक फायदेमंद ऐड ऑन सर्विस है, क्‍योंकि यह बिना डिफ्रेंसियशन कटौती के दावे की राशि प्राप्‍त करने की अनुमति देता है।
इंजन ऐड ऑन: यह आपके वाहन के इंजन को कवर करता है यानी कि किसी तरह की इंजन में दिक्‍कत आती है तो उसका सभी खर्च इंश्‍योरेंस कंपनी की ओर से उठाया जाता है।
बैटरी सुरक्षा ऐड-ऑन: EV की बैटरी लागत एक महत्वपूर्ण प्‍वाइंट है। ऐसे में बैटरी की सुरक्षा तय करने के लिए हमेशा अलग ऐड-ऑन कवर के साथ ईवी बीमा खरीदने की सिफारिश की जाती है।