कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर ने इस वित्त वर्ष के लिए चार दशक से सबसे कम 8.1 प्रतिशत ब्याज दर देगा। हालाकि अभी कर्मचारियों के खाते में ईपीएफ का पैसा जारी नहीं किया गया है। वहीं EPFO पर फैसला लेने वाली निकाय सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की 25-26 जून को बेंगलूरु में बैठक होने वाली है। इस बैठक में ईपीएफओ के इक्विटी एक्सपोजर को 25 फीसदी करने को लेकर चर्चा की जाएगी।
अभी पीएफ खाते का इक्विटी एक्सपोजर 15 फीसद है। अगर एक्सपोजर की बढ़ोतरी पर मुहर लगाई जाती है तो कर्मचारियों के पीएफ का और पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि जब शेयर बाजार गर्म होगा तो निवेशकों को हाई रिटर्न मिल सकता है। गौरतलब है कि ईपीएफओ अपने सदस्यों के 24 करोड़ खाते रखे हुए है, जिसमें करीब 17 लाख करोड़ रुपए की पूंजी जमा है।
इस वित्त वर्ष ईपीएफओ द्वारा पीएफ खाते पर ब्याज दर 8.1 फीसदी तय की है। इतने कम ब्याज होने की वजह से पिछले महीने बैठक में सीबीटी की एक बैठक में इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 15 से 25 फीसदी बढ़ाने पर विचार किया गया। बैठक में कहा गया कि यह बढ़ोतरी इसलिए जरूरी है कि निवेशकों को हाई रिटर्न मिल सके।
मंत्रालय दे सकता है अंतिम फैसला
वहीं अब 25-26 जून हो होने वाली बैठक में 25 फीसदी इक्विटी शेयर पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अगर कर्मिक मंत्रालय इसपर फैसला देता है तो ही इसे लागू किया जा सकता है।
इक्विटी में ईपीएफओ निवेश का पैटर्न
वर्तमान में ईपीएफओ 15 फीसदी तक इक्विटी में निवेश करता है, ईपीएफओ इक्विटी में निफ्टी और सेंसेक्स पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के रूप में निवेश करता है। बता दें कि ईपीएफओ ने ईटीएफ में 5 अगस्त 2015 से निवेश शुरू किया है और पहले इसकी सीमा 5 फीसदी थी जो 2016 में बढ़कर 10 फीसदी और अगले साल 2017 में बढ़कर अधिकतम 15 फीसदी हो गई।