कर्मचारी भविष्‍य निधि योजना के तहत कर्मचारियों को दिए जाने वाले पीएफ ब्‍याजदर में कटौती का प्रस्‍ताव मंत्रालय के पास रखा है। साल 2022 के लिए ब्‍याज दर 8.5 प्रतिशत से घटकर 8.1 कर दी गई है। इससे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। लेकिन फिर भी कर्मचारियों को मिलने वाला ब्‍याज अन्‍य सरकारी योजनाओं और बचत योजनाओं से अधिक है।

ब्‍याज के साथ- साथ ही सरकार कर्मचारियों को कई और सुविधा भी मुहैया कराती है, जिसमें लोन की सुविधा, इंश्‍योरेंस से लेकर टैक्‍स छूट जैसे कई और लाभ दिए जाते हैं। यहां पर छह ऐसे लाभों के बारे में जानकारी दी जा रही है। आइए जानते हैं एक पीएफ खाते के तहत कर्मचारी कितने और लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

लोन का फायदा
अगर आपके पास पीएफ खाता है और आप पुराने कर्मचारी हैं तो आप लोन सुविधा का लाभ आसानी से ले सकते हैं। इमरजेंसी के समय आप ईपीएफओ खाता के तहत 1 प्रतिशत पर लोन प्राप्‍त कर सकते हैं। हालाकि आपको लोन की रकम 36 महीने के अंदर ही देनी होती है, नहीं तो आपसे अधिक ब्‍याज वसूला जाएगा।

फ्री बीमा लाभ
ईपीएफओ खाताधारकों को लोन के साथ ही बीमा का भी लाभ मिलता है। EDLI स्‍कीम के तहत अगर किसी कर्मचारी की मौत काम करने के दौरान ही हो जाती है तो उसे 7 लाख रुपये तक फ्री बीमा लाभ मिलता है। इन कर्मचारियों को कोई भी प्रीमियम बीमा के लिए नहीं देनी होती है।पहले, ईडीएलआई योजना के तहत मृत्यु कवर 6 लाख रुपये था।

टैक्स की बचत
PF टैक्स बचाने के लिए सबसे सामान्य और बेहतर विकल्‍पों में से एक है। नए टैक्स सिस्टम में इसमें कोई बेनीफिट नहीं मिलता। मगर पुराने टैक्स सिस्टम में सैलेरी के 12% योगदान तक पर आपको टैक्स 1.5 लाख तक की छूट मिलेगी। इस बचत पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट दी जाती है।

होम लोन और होल लोन रीपेमेंट
ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक कोई नया घर खरीदने या घर बनाने के लिए पीएफ बैलेंस का 90 प्रतिशत तक निकाल सकता है। जिसका उपयोग जमीन खरीदने और होम लोन चुकाने के रूप में किया जा सकता है।

इमरजेंसी में निकासी
वहीं अगर आपके साथ कोई भी इमरजेंसी आ जाती है तो आपको कुछ नियमों और शर्तों के अधीन, चिकित्सा या वित्तीय आपात स्थिति के मामले में, ईपीएफओ आंशिक निकासी की अनुमति देता है। यह निकासी आप अपने पीएफ बैलेंस के अनुसार कर सकते हैं।

पेंशन का लाभ
पीएफ खाताधारक 58 साल बाद भी पेंशन का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, पेंशन के लिए पात्र बनने के लिए, किसी के पीएफ खाते में कम से कम 15 साल का नियमित मासिक पीएफ योगदान होना चाहिए। पेंशन लाभ नियोक्ता के योगदान से आता है क्योंकि उसके योगदान का 8.33 प्रतिशत (12 प्रतिशत में से) पीएफ खाताधारक के ईपीएस खाते में जाता है।