कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है, सेवानिवृत्ति निधि निकाय यानी ईपीएफओ दिवाली से पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर क्रेडिट कर सकता है। यह खबर उस समय आई जब केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और पेंशनर्स को महंगाई राहत का तोहफा दिया गया है। इस फैसले के बाद से महंगाई, आर्थिक संकट और पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों की बीच काफी सुकून मिलेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड ने ब्याज वृद्धि को मंजूरी दे दी है और निकाय अब वित्त मंत्रालय की मंजूरी चाहता है। ईपीएफओ ने 2020-21 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज दर के लिए वित्त मंत्रालय से अंतिम मंजूरी मांगी थी, जिसे सभी फैक्टर्स पर विचार करने के बाद तय किया गया था। अब इंतजार सिर्फ वित्त मंत्रालय का है, जो जल्द ही इस पर अपनी सहमति दे सका है।
रिटायरमेंट फंड अपने ग्राहकों को ब्याज दर का भुगतान करने के लिए अच्छी स्थिति में है। मंत्रालय से प्रोटोकॉल के अनुसार मंजूरी मांगी गई है क्योंकि ईपीएफओ इस मंजूरी के बिना ब्याज दर जमा नहीं कर सकता है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2021 के लिए ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण व्यापक नौकरी के नुकसान के कारण वर्ष के दौरान जमा की तुलना में अधिक निकासी हुई थी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान ईपीएफ ब्याज दर को घटाकर 7 साल के निचले स्तर 8.5 फीसदी कर दिया था, जो वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 8.65 फीसदी, वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 8.55 फीसदी और वित्त वर्ष 2016-17में 8.65 फीसदी थी। ईपीएफओ में 6 करोड़ सदस्य हैं। मेंबर्स मिस्ड कॉल, एसएमएस या उमंग ऐप के जरिए अपने भविष्य निधि अकाउंट में अपने फंड की जांच कर सकते हैं।
आपको बता दें कि ईपीएफओ मेंबर्स इस ब्याज का काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। यहां तक कि ईपीएफओ ने ट्विवटर का सहारा लेकर ईपीएफओ से इस बारे में सवाल भी किए थे। जिसके बाद ईपीएफओ हरकत में आया था। उन्होंने ट्वीट के जवाब में कहा था कि सभी मेंबर्स सब्र रखें। ईपीएफ ब्याज देने की प्रक्रिया शुरू होने की बात भी बात कही थी। तब जाकर ईपीएफओ मेंबर्स शांत हुए थे।