Baba Ramdev Patanjali Misleading Ads Case Update: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले (patanjali misleading Ads Case) में आज (15 अप्रैल 2024) फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज हुई सुनवाई में एक बार फिर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को माफी नहीं मिली। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपकी बहुत गरिमा है, आपने बहुत कुछ किया है। लेकिन आपने जो कोर्ट के खिलाफ किया है , क्या वो सही है? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि जज साहिबा, हमें इतना कहना है कि जो भी हमसे भूल हुई है, उसके लिए हमने बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है।
रामदेव और बालकृष्ण के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम सार्वजनिक माफी के लिए तैयार हैं, ताकि लोगों को भी जानकारी मिले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर गंभीर हैं। कोर्ट ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि इसके लिए आपको हमारी सलाह की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से पूछा- कोर्ट की अवमानना क्यों की? जस्टिस कोहली ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आपने अंडरटेकिंग के अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस क्या सोच कर की? हमारे देश में आयुर्वेद बहुत पुराना है, महर्षि चरक के समय से है। दादी- नानी भी घरेलू इलाज करती हैं। आप दूसरी पद्धतियों को बुरा क्यों बताते हैं? क्या एक ही पद्धति रहनी चाहिए?
इस पर बाबा रामदेव ने जवाब देते हुए कहा कि हमने आयुर्वेद पर बहुत रिसर्च किया है।
जज ने कहा कि यह ठीक है। आप अपने रिसर्च के आधार पर कानूनी आधार पर आगे बढ़ सकते हैं लेकिन हम जानना चाहते हैं कि आपने इस कोर्ट की अवहेलना क्यों की? बाबा रामदेव ने कहा- हमें कानून की जानकारी कम है। हम सिर् अपनी रिसर्च की जानकारी लोगों को दे रहे थे। हमारा उद्देश्य कोर्ट की अवहेलना नहीं था।
बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने 1 सप्ताह का समय मांगा। और कहा कि इस बीच हम जरूरी कदम उठाएंगे। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि ठीक है, हम 23 अप्रैल को सुनवाई करेंगे। अवमानना के आरोपियों ने खुद कुछ कदम उठाने की बात कही है। हम इसका मौका दे रहे हैं।
रामदेव ने कहा कि जो भी कुछ कहना था वह हमने कोर्ट में कह दिया है और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट से निकले।
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में एक हफ्ते का और समय दिया। कहा- अभी माफी नहीं दी है
23 अप्रैल को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को फिर होना होगा पेश
रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से आज भी नहीं मिली माफ़ी
रामदेव- ऐलोपैथी को भी साइंस कहा गया है और इन दोनों शाखाओं के बीच विवाद चलता रहा है। विकीपीडिया वगैरह पर भी।
जस्टिस अमानुल्लाह: लेकिन आपने क्या किया, आप अपना काम करो।
जस्टिस हिमा कोहली: हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम माफ कर देंगे आपको। आपका इतिहास हम अनदेखा कर दें। इस कोर्ट के आदेश थे, तब भी आपने अवहेलना की। आप इतने मासूम नहीं हो।
कोर्ट- अभी हमने मन नहीं बनाया कि आपको माफ करें कि नही.. एक नहीं तीन बार आपने उल्लंघन किया है।
बालकृष्ण के बयान पर सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज। बालकृष्ण ने कोर्ट से कहा कि रामदेव किसी भी संस्था के पद पर नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप इस तरह की बात मत करिए। आपके रवैये से यह नहीं लगता कि आपका हृदय परिवर्तन हुआ। हम आदेश जारी करेंगे।
रामदेव: हम माफी मांग रह रहे है।
बालकृष्ण- जो भी स्वामी जी ने कहा वो हम अज्ञानता में हुआ, आगे से हम इसका ध्यान रखेंगे हमे नहीं करना चाहिए था हम क्षमा प्रार्थी हैं।
कोर्ट – आप अच्छा काम कर रहे है करिये, लेकिन एलोपैथी को आप ऐसे नहीं कर सकते।
कोर्ट- कंपनी इतने करोड़ की हो तो ऐसा नहीं करते।
रामदेव- अब पुनरावृत्ति नहीं होगी
कोर्ट- आप इस रस्ते नहीं जाएंगे.. ये हक आपको किसी ने नहीं दिया.. आप यहां इसलिए है कि आपने कोर्ट की अवहेलना की है।
रामदेव- हमे उस समय नहीं कहना चाहिए था हमने अपने एविडेंस पर बात की थी।
कोर्ट- लाइलाज बीमारियों के लिए जो दवाइयां बनती है उनका प्रचार नहीं किया जाता… ये कोई नहीं कर सकता किसी ने नहीं किया। प्रेस मे जाकर आपने बिल्कुल गैरजिम्मेदाराना हरकत की है
रामदेव- करोड़ों लोग मुझसे जुड़े हैं। अब इस तथ्य के प्रति जागरूक रहूंगा ये मेरे लिए भी अशोभनीय है.. आगे से नहीं होगा।
रामदेव- भविष्य में अब सौ प्रतिशत इसका ध्यान रखेंगे…
कोर्ट- आपने क्या सोचा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने एडवरटाइजमेंट छापा.. भाषण दिया कि महर्षि चरक के समय से आयुर्वेद चल रहा है। अपनी पद्धति के लिए दूसरे की पद्दति को रद्द करने की बात कही ऐसा क्यों..
रामदेव- हमारी ऐसी मंशा नहीं है। हमने 5000 से ज्यादा रिसर्च किया। आयुर्वेद को हमने मेडिसिन के स्तर पर अनुसंधान किया है।
जस्टिस हिमा कोहली- हमारे यहां ढेर सारी पद्धतियां है, इसके लिए क्या दूसरी पद्धति को खराब बताया जाए?
रामदेव- हमारा मकसद कभी भी अदालत की गरिमा घटाना नहीं
कोर्ट- जो आपने किया है क्या उसके लिए हम माफी दें?
रामदेव- परम आदरणीय न्यायमूर्ति महोदय जो भी हमसे भूल हुई उसके लिए विना शर्त माफी मांगी है अभी भी हम माफी मांगते हैं।
कोर्ट: आपके द्वारा दाखिल किए गए जवाब की भाषा से हमें आपत्ति है
कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को आगे बुलाया
हम समझना चाहते है। आपकी गरिमा है। आप उस पद पर है जहां आपकी लोग तारीफ करते है। लेकिन आपने जो शुरू किया वो कारोबार है।
कोर्ट: क्या आपने पिछली सुनवाई के बाद कुछ नया फाइल किया है, नहीं
रामदेव के वकील: हम सार्वजनिक माफी मांगना चाहते हैं
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