Fuel Crisis In India: देश में एक नया संकट फिर से सिर उठा रहा है। देश के कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल की किल्लत दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश से लेकर मध्यप्रदेश तक उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक पेट्रोल और डीजल की कमी होती जा रही है। इन राज्यों में कहीं पेट्रोल पंपों को बंद करना पड़ रहा है तो कहीं पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें दिखाई दे रहीं हैं। देश के इन राज्यों के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल का संकट खड़ा हो गया है। सबसे ज्यादा असर तो राजस्थान में दिखाई दिया है।
राजस्थान में पिछले 3 दिनों से दो फ्यूल ऑयल कंपनियां भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की डिमांड और सप्लाई का अनुपात अस्थिर हो गया है। तेल कंपनियों की मांग और आपूर्ति की चेन डिस्टर्ब होने के बाद राजस्थान में लगभग 2000 पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में कुल लगभग साढ़े 6 हजार पेट्रोल पंप हैं। ऐसे में लगभग 2 हजार पेट्रोल पंप के ड्राई होने के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई है। राज्य में अचानक से 2000 पेट्रोल पंप के बंद हो जाने की वजह से बाकि के पेट्रोल पंप पर अब पहले से ज्यादा दबाव पड़ेगा।
पेट्रोल डीलर एसोशिएशन के अध्यक्ष ने बताई वजह
राजस्थान पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई के हवाले से एबीपी न्यूज़ ने बताया, सूबे में पेट्रोल की कमी की सबसे बड़ी वजह ये है, करीब दो सप्ताह से रिलायंस और एस्सार के पेट्रोल पम्प्स का बंद होना। दरअसल इन दोनों कंपनियों का राजस्थान में मार्केट शेयर करीब पंद्रह फीसदी हिस्सा है और अब जब इनके पेट्रोल पंप बंद हुए तो इनका भार अन्य कंपनियों के पेट्रोल पम्प पर आ गया। वहीं दूसरी वजह में उन्होंने बताया कि भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी की तरफ से सप्लाई भी कम की जा रही है।
तीन सरकारी कंपनियों में से एक ही दे रही पूरी सप्लाई
सुनीत बगई के अनुसार केवल इंडियन ऑयल कंपनी राज्य को पूरी सप्लाई दे रही है। उन्होंने ये भी बताया कि मौजूदा संकट की घड़ी में भी पेट्रोलियम कंपनियों का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से दो कंपनियां सप्लाई कम दे रही हैं। लेकिन अगर ऐसा है तो फिर यहां एक बड़ा सवाल ये है कि जब तीनों फ्यूल कंपनियां सरकारी हैं तो फिर एक कंपनी कैसे पूरी सप्लाई दे रही है और दो कंपनियां कैसे पूरी सप्लाई नहीं दे पा रही हैं।
कुल मिलाकर अब राजस्थान में स्थिति ये है कि कोई भी छोटा या बड़ा जिला ऐसा नहीं बचा है जो कि तेल की डिमांड एवं सप्लाई से प्रभावित नहीं हुआ हो। राजधानी जयपुर में भी फ्यूल के लिए बुरे हालात हैं। राजधानी में अगर कुल पेट्रोल पंप के आंकड़ों की बात करें तो लगभग 600 से भी ज्यादा पेट्रोल पंप हैं लेकिन इनमें से 100 से ज्यादा पेट्रोल पंपों पर बोर्ड लगा दिए गए हैं कि पेट्रोल नहीं है।
आने वाले 3-4 दिनों तक नहीं सुधरेंगे हालात
मौजूदा समय में राजस्थान में पेट्रोल पंपों की जो स्थिति है उसे देखकर अभी आने वाले 3-4 दिनों में सुधार होने की कोई गुंजाइश नहीं दिखाई दे रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है, तेल कंपनियां अगर तुरंत आपूर्ति बढ़ा दें तो भी पूरे सूबे में इसके सही संचालन में 3-4 दिनों का समय लग जाएगा। सूबे में फ्यूल ऑयल की इस कमी से हर कोई परेशान है चाहे वो आम आदमी हो चाहे वो किसान हो या फिर बिजनेस मैन।