FM Nirmala Sitharaman’s PC Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है। पूरी दुनिया के मुकाबले यह अच्छी हालत में है। केंद्र के एजेंडे में आर्थिक सुधार सबसे ऊपर हैं और उनकी सरकार लगातार इस क्षेत्र में सुधार की ओर बढ़ रही है। ये बातें वित्त मंत्री ने शुक्रवार (23 अगस्त, 2019) को राजधानी नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं, जिसमें उनके साथ जूनियर मंत्री अनुराग ठाकुर (वित्तीय और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री) और मंत्रालय के सचिव मौजूद रहे।

पीसी में उन्होंने पॉवर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन दिखाई और कहा, “वैश्विक जीडीपी विकास दर संशोधित होकर मौजूदा अनुमान 3.2 प्रतिशत से नीचे जा सकती है, जबकि वैश्विक मांग भी कमजोर रहेगी। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और मुद्रा अवमूल्यन से वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाले हालात पैदा हुए हैं, पर भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई देशों की तुलना में ऊंची है।”

उन्होंने आगे कहा, “संपत्ति का सृजन करने वालों का सम्मान वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की मूल भावना है। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को समझने के लिए उनसे परामर्श किया गया। कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।”

बकौल सीतारमण, “कैपिटल मार्केट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरचार्ज वापस लेने का फैसला लिया गया है, जो कि Finance No. 2 Act 2019 द्वारा लिया जाता है। सरल भाषा में कहें तो एफपीआई पर लगने वाला सरचार्ज नहीं लगेगा और इक्विटी में घरेलू निवेशकों पर लगने वाला सरचार्ज भी हटेगा।”

देखें, और क्या कहा वित्त मंत्री नेः

FM की PC की अहम बातेंः

– भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छे हाल में (दुनिया भर की तुलना में)।
– कैपिटल गेन्स से हटेगा सरचार्ज।
– FPI पर भी सरचार्ज वापस लिया जाएगा।
– रेपो रेट कम होने से EMI सस्ती होगी।
– लोन की अर्जियों पर ऑनलाइन नजर।
– होम लोन, कार लोन की शर्तें और सेटलमेंट आसान।
– आगे से 60 दिनों में GST रिफंड।
– डीमैट खातों में भी चलेगी आधार KYC।
– सरकारी बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपए।

बड़े ऐलान पर बाजार में कैसी रही प्रतिक्रिया?: वित्त मंत्री के ऐलान पर Deloitte India में पार्टनर राजेश एच.गांधी बोले- यह सकारात्मक घटनाक्रम है, जो कि कैपिटल मार्केट्स को भरेगा। टैक्स की दरें भी एफपीआई में सात फीसदी से चार प्रतिशत पर आ जाएंगी। यह दर्शाता है कि सरकार इंडस्ट्री को लेकर चिंतित है। ताजा ऐलान से घरेलू निवेशकों मसलन इंडिविजुअल्स और एआईएफ को फायदा मिलेगा। वहीं, एक और पार्टनर एम.एस मणि ने बताया, “उम्मीद है कि जीएसटी रिफंड से कारोबार और कारोबारियों को लाभ मिलेगा।”

देश में मंदी की आहट बरकरार!: अर्थव्यवस्था के मौजूदा हाल पर वित्त मंत्री का ताजा दावा तब आया है, जब देश में मंदी की आहट और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बीते कुछ समय से असमंजस की स्थिति बरकरार है। हाल ही में कुछ रेटिंग और अंतर्राष्ट्रीय कारोबारी और वित्तीय सेवा संबंधी एजेंसियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार गिरती विकास दर की बात कह थी। वहीं, देश में विपक्षी दल भी बीते कुछ समय से इसे मुद्दा बना रहे हैं और लगातार मोदी सरकार को घेर रहे हैं।