Nestle cerelac added sugar report: नेस्ले इंडिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भारत सरकार ने उस रिपोर्ट की जांच करने को कहा है जिससे नेस्ले द्वारा बेचे जाने वाले बेबी फूड में कथित तौर पर चीनी (Sugar) मिलाए जाने का खुलासा हुआ है। बता दें कि एक स्विस जांच संगठन (Swiss investigative organisation) Public Eye की रिपोर्ट में यह पता चला कि Nestle India देश में बेचे जाने वाले बेबी फूड में चीनी मिला रही है। इसके अलावा दूसरे एशियाई और अफ्रीकी देशों में भी इस तरह की मिलावट का खुलासा हुआ है। नेस्ले से जुड़ी यह रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के शेयर 5 प्रतिशत तक गिर गए।

बेबी फूड सैंपल भेजे गए लैब

The Guardian की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Public Eye ने स्विस कंपनी नेस्ले द्वारा एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जा रहे बेबी-फूड प्रोडक्ट्स को एक बेल्जियन लैबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजा। जांच के लिए बेल्जियम की लैब में भेजे गए 150 प्रोडक्ट जैसे सेरेलैक आदि में प्रति चम्मच 4 ग्राम सुगर मिली होती है और यह एक शुगर क्यूब के बराबर है। वहीं फिलीपींस में बिक रहे बेबी प्रोडक्ट में 6 महीने के बच्चे के लिए मिलने वाले सेरेलैक में यह मात्रा 7.5 ग्राम पाई गई।

Jaya Kishori Net Worth: कितनी फीस लेती हैं जया किशोरी? जानिए कहां से आता है मोटा पैसा

भारत में बिकने वाले 15 सेरेलेक प्रोडक्ट्स की जांच की गई जिनमें हर एक चम्मच में औसतन 2.7 ग्राम चीनी होने का पता चला। भारत में पैकेजिंग पर शुगर होने की जानकारी थी।

आपको बता दें कि नेस्ले द्वारा यूरोप और ब्रिटेन के बाजारों में बेचे जाने वाले बेबी फूड में किसी तरह की चीनी नहीं मिलाई जाती है। स्विच जांच संगठन पब्लिक आई का कहना है कि लैब में भेजे गए परिणामों से पता चला कि एक साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मिल्क फॉर्मूला ब्रैंड निडो और छह महीने से दो साल की उम्र के बच्चों के लिए बेचे जाने वाले अनाज सेरेलेक में सुक्रोज (शहद) के तौर पर शुगर मिलाई गई थी।

Indian Railway News: पूरी तरह बदल जाएगी भारतीय रेलवे! स्लीपर वंदे भारत, 24 घंटे में रिफंड, Super App से हर काम होगा आसान

Breastfeeding Promotion Network of India (BPNI) के डॉक्टर अरुण गुप्ता का कहना है,’जब आप किसी बेबी फॉर्मूला फूड में शुगर एड करते हैं तो बच्चे मीठा और अच्छा स्वाद होने के चलते ज्यादा दूध पीते हैं। खुश माता-पिता प्रोडक्ट्स खरीदते हैं और कंपनियों की बिक्री बढ़ती है। और नियम कमजोर होने के चलते वे चीनी मिलाते रहते हैं।’

भारत और ब्राजील सबसे बड़े बाजार

रिपोर्ट के मुताबिक, नेस्ले यूरोप और अमेरिका में बेचे जाने वाले बेबी फूड्स की तुलना में एशियाई देशों में ज्यादा चीनी मिला रही है। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के मुताबिक, सेरेलैक दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाला बेबी फूड ब्रैंड है और 2022 में इसकी सेल 1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई थी। इसकी सेल का करीब 40 फीसदी हिस्सा ब्राजील और भारत से आता है।

शेयरों में गिरावट

बता दें कि पिछले 6 महीनों में नेस्ले के शेयरों में करीब 6 फीसदी का इजाफा हुआ था और पिछले पांच दिनों में यह 1.6 प्रतिशत गिर गया। FMCG स्टॉक ने पिछले साल में 19 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। और पिछले 5 सालों में यह रिटर्न 124 प्रतिशत है। स्टॉक 28 सितंबर, 2023 को 52 हफ्ते के सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर 208 रुपये पर आ गया था।

बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 (Nifty 50) पिछले पांच दिन में 1.8 प्रतिशत गिर गया। लेकिन पिछले 6 महीने में इसने 13 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पिछले साल यह शेयर 26 प्रतिशत और पिछले 5 सालों में करीब 90 फीसदी बढ़ा।

नेस्ले का बयान

आपको बता दें कि नेस्ले का कहना है कि कंपनी ने पिछले पांच साल में अपने बेबी फूड प्रोडक्ट्स में अतिरिक्त शुगर को 30 फीसदी तक कम कर दिया है। कंपनी का कहना है कि हम नियमित तौर पर अपने फूड प्रोडक्ट्स की जांच करते हैं। और गुणवत्ता, स्वाद व सुरक्षा से समझौता किए बगैर अपने प्रोडक्ट्स में शुगर के लेवल को कम रखने के लिए सुधार करते रहते हैं।

क्या है WHO की गाइडलाइन्स?

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 3 साल से कम उम्र के बच्चों के खाने में शुगर या मीठे पदार्थ का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

बता दें कि चीनी मिलाने से हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, दांतों में कैविटीज, मेंटल हेल्थ, कमजोर इम्युनिटी, अल्जाइमरी का खतरा और व्हाइट ब्लड सेल्स के कमजोर होने जैसे खतरे रहते हैं।