प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में कंप्यूटर-इंटरनेट प्रौद्योगिकी कंपनियों के केंद्र सिलिकन वैली में एक कार्यक्रम में ‘डिजिटल क्रांति’ पर अपनी एक-एक लाइन की टिप्पणियों से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। सिलिकान वैली वह जगह है जहां से शुरू हो कर डिजिटल क्रांति ने दुनिया भर के लोगों के जीवन के ढंग में क्रांतिकारी बदलाव पैदा किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह यहां पहला संबोधन था। उन्होंने इसमें निजी जीवनशैली के साथ साथ भारत भर में लोगों, खास कर ग्रामीण महिलाओं की जीवन शैली से जुड़े उदाहरण दिये। उनके भाषण के बीच एक एक लाइन की सरल और सार भरी टिप्पणियों पर सैकड़ों की संख्या में जुटे लोगे जोरदार तालियां बजाते रहे। सभा में यहां के कंपनी जगत की बड़ी बड़ी हस्तियां भी उपस्थित थीं।
मोदी ने शुरुआत की, ‘‘मैं आपसे दिल्ली और न्यूयार्क, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर मिल चुका हूं।’’ उन्होंने कहा कि यह नई दुनिया का पड़ोस हैं। उन्होंने सिलिकन वैली की कंपनियों की अपने शब्दों में व्याख्या करते हुए कहा, ‘‘यदि फेसबुक कोई देश होता तो यह आबादी के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर होता और सबसे अधिक ‘कनेक्टिड’ होता।’’
उन्होंने कहा कि गूगल ने आज शिक्षकों की जरूरत को कम किया है और दादा-दादी को पहले से ज्यादा निष्क्रिय कर दिया है। ट्विटर ने सभी को रिपोर्टर बना दिया है।
मोदी ने उपस्थित समुदाय की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि सबसे अधिक बेहतर तरीके से काम कर रही ट्रैफिक लाइटें ‘सिस्को रूटर्स’ पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज आपका यह स्टेटस महत्व नहीं रखता कि आप जाग रहे हैं या सो रहे हैं, बल्कि यह महत्व रखता है कि आप ऑफलाइन या ऑनलाइन। हमारे युवाओं के बीच इस बात को लेकर बहस होती है कि एंड्रॉयड, आईओएस या विंडोज में कौन सा विकल्प बेहतर है।’’
मोदी ने कहा कि ‘कंप्यूटिंग से लेकर संचार, मनोरंजन से लेकर शिक्षा, दस्तावेजों के मुद्रण से लेकर उत्पादों की प्रिटिंग और अब इंटरनेट ऑफ थिंग्स (समान के अंदर इंटरेट प्रणाली), यह छोटी सी अवधि की एक लंबी यात्रा है।
मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी की वजह से एक दूरदराज के पहाड़ी गांव में कोई मां अपने नवजात बच्चे को बचा पा रही है और बच्चे को दूरदराज के गांव में शिक्षा तक बेहतर पहुंच उपलब्ध करा पा रही है।
एक छोटे किसान को बेहतर बाजार मूल्य मिल रहा है। समुद्र में मछुआरे अधिक मछलियां पकड़ पा रहे हैं। सान फ्रांसिस्को में युवा पेशेवर स्काइप के जरिये रोज अपनी बीमार दादी से बात कर पा रहा है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में एक पिता की ‘पुत्री के साथ सेल्फी’ पहल आज एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बन गया है। मोदी ने कहा कि यह सभी कुछ आप लोगों द्वारा किए गए काम की वजह से हो पा रहा है।