PM Narendra Modi on taxpayers: पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी की शाम को टाइम्स नाउ समिट में कहा था कि देश में सिर्फ 2,200 पेशेवरों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी आय को 1 करोड़ रुपये से ज्यादा घोषित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह आंकड़ा आपके गले से नीचे नहीं उतरेगा, लेकिन यह सच्चाई है। उन्होंंने आयकर चुकाने वालों की काफी कम संख्या होने पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में बीते 5 सालों में 1.5 करोड़ लग्जरी कारों की बिक्री हुई है, लेकिन टैक्सपेयर्स की संख्या 1.5 करोड़ ही है।
नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘पिछले 5 सालों में 1.5 करोड़ से ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। यह महंगी कारों की बात है। 3 करोड़ से ज्यादा भारतीय बिजनेस या फिर घूमने के लिए विदेश गए हैं। लेकिन, स्थिति यह है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। इसमें से भी प्रति वर्ष 50 लाख रुपये से ज्यादा आय घोषित करने वालों की संख्या सिर्फ 3 लाख है।’
इसके आगे पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको एक आंकड़ा और देना चाहता हूं। हमारे देश में बहुत से प्रोफेशनल हैं, जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, बॉलीवुड, वकील आदि अपने क्षेत्रों में छाए हुए हैं। अपने तरीके से वे देश की सेवा भी कर रहे हैं, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि इतने बड़े देश में सिर्फ 2,200 प्रोफेशनल ही अपनी सालाना इनकम को 1 करोड़ रुपये से ज्यादा बताते हैं। अकेले दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में इससे ज्यादा लोग होंगे।’
आयकर विभाग ने पीएम मोदी की बात को बताया सही: पीएम के इस बयान के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर इस आंकड़े को गलत बताने लगे। तब इनकम टैक्स विभाग ने ट्वीट के जरिए सफाई दी।
विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए महज 2,200 डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील या अन्य पेशेवर लोग हैं, जिन्होंने अपनी कमाई 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई है।
पीएम के दावे को गलत बताते हुए तर्क दिया जा रहा था कि वित्त मंत्रालय ने पीआईबी के माध्यम से 24 अक्टूबर, 2018 को जारी की गई प्रेस रिलीज में बताया था कि देश में 81,344 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपनी सालाना कमाई 1 करोड़ रुपये से ज्यादा घोषित की है।
वित्त मंत्रालय ने तब बीते तीन साल यानी 2014-15 से 2017-18 तक के आंकड़े देते हुए कहा था कि 1 करोड़ रुपये ज्यादा कमाई बताने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 88,649 थी, लेकिन 2017-18 में यह आंकड़ा 60 फीसदी बढ़कर 1,40,139 हो गया। इनमें 1 करोड़ से ज्यादा कमाई करने वाले व्यक्तिगत करदाताओं यानी पेशेवरों की संख्या 81,344 थी।