केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सोमवार (27 जून) को कहा कि भारत कालेधन के मामलों में बहुत जोरदार तरीके से काम कर रहा है जिनमें पनामा-दस्तावेज समेत तमाम क्षेत्रों से जुड़े मामले शामिल है और इससे ‘काले धन के और स्रोत भी उजागर होंगे।’ सिन्हा ने यहां एक समारोह के मौके के पर कहा, ‘जांच जैसे जैसे आगे बढ़ेगी काले धन के ऐसे और स्रोत सामने आएंगे।’ सिन्हा आयकर विभाग द्वारा 2011 और 2013 में सूचनाओं के दो स्रोतों – एचएसबीसी और अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार कंसोर्टियम (आईसीआईजे) – से मिले डाटा के आधार परविदेशी बैंकों में जमा की गई 13,000 करोड़ रुपए का पता लगाए जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘हम विदेशी काले धन के सभी मामलों में (धन को वापस लाने के लिए) बहुत जोरदार ढंग से कदम उठा रहे हैं। लोगों को अनुपालन सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य है कि लोग काले धन का खुलासा कर पाक-साफ हों। यह सुविधा खत्म हो चुकी है… आपके पास आंकड़े हैं, हमें विभिन्न मामलों में जांच, एचएसबीसी और आईसीआईजे के जरिए.. कितना धन मिला है उसके आंकड़े हैं।’

घरेलू काले धन के संबंध में सिन्हा ने कहा ऐसे खाताधारकों को इस तरह की आय का विवरण देने के लिए चार महीने की समयसीमा दी गई है जो 30 सितंबर को समाप्त होगी। ऐसे घोषित धन पर (कर) व जुर्माना लगेगा। अनुपालन सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य है लोगों को अपना हिसाब पाक-साफ करने का मौका देना।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (26 जून) को काला धन रखने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए उन्हें 30 सितंबर तक अघोषित आय का खुलास करने के लिए कहा। उन्होंने साफ कहा कि ऐसे लोगों के लिए इस अवसर के बंद होने के बाद उत्पन्न होने वाली समस्या से बचने का यही आखिरी मौका है। उन्होंने कहा था कि यदि कोई 30 सितंबर तक स्वैच्छिक तौर पर अघोषित आय या पंरसंपत्तियों का विवरण प्रस्तुत करने को आता है तो उसके स्रोत पर कोई सवाल नहीं उठाया जाएगा।

ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के असर के बारे में सिन्हा ने कहा कि वहां के समायोजन और बदलाव को समझने में दो-तीन साल का वक्त लगेगा। उन्होंने कहा कि लोगों के पास इस नई व्यवस्था के असर से निपटने के लिए काफी समय है और इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल कोई बड़ा संकट नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लंबा समय है। ब्रेक्जिट में दो-तीन साल का समय लगेगा। तब तक लोगों के पास समायोजन का समय है। तब तक लोग समझ पाएंगे कि क्या बदलाव होंगे। अब ऐसा कोई बड़ा संकट या संकट पूर्ण स्थिति नहीं है।’

उन्होंने कहा कि भारत फिलहाल विश्व का चमकता सितारा है। देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बेहतर हो रही है। शहरी इलाकों में गरीबी और संवेदनशीलता घटाने के उद्देश्य रिण एवं कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराने के संबंध में शुरू की गई दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार जरूररतमंदों को उल्लेखनीय मदद करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।