सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को राष्ट्रीय राजधानी तथा मुंबई में हवाई अड्डों का परिचालन करने वाली संयुक्त उद्यम कंपनियों के साथ करार में खामी की वजह से 43 करोड़ रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने यह निष्कर्ष निकाला है। दिल्ली और मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का परिचालन करने वाले संयुक्त उद्यमों में एएआई भागीदार है और उसे उनसे राजस्व में हिस्सा मिलता है। कैग ने कहा कि एएआई ने परिचालन, प्रबंधन और विकास करार (ओएमडीए) के प्रावधानों के तहत दो संयुक्त उद्यम इकाइयों के साथ किए गए करारों में वित्तीय हितों के संरक्षण के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं की।
संसद में रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे एएआई को अपने हिस्से के 29.62 करोड़ रुपए की प्राप्ति नहीं हो पाई। साथ ही उसे मार्च, 2015 तक 13.86 करोड़ रुपए के ब्याज का नुकसान हुआ। अप्रैल, 2006 में उसने दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (डायल) तथा मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (मायल) के साथ दो अलग-अलग ओएमडीए किए थे। करार के तहत डायल और मायल संबंधित हवाई अड्डों का परिचालन कर रही हैं और वे एएआई को क्रमश: 45.99 प्रतिशत तथा 38.7 प्रतिशत का राजस्व साझा करती हैं। डायल में बहुलांश शेयरधारक जीएमआर ग्रुप है जबकि मायल में जीवीके समूह बहुलांश हिस्सेदार है।