भारत के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी अकसर रिलायंस इंडस्ट्रीज के कार्यक्रमों में हिस्सा लेती हैं। यही नहीं रिलायंस के स्पोर्ट्स वेंचर और रिलायंस फाउंडेशन के कामकाज को भी वह संभालती हैं। मिडिल क्लास फैमिली में जन्मीं नीता अंबानी के पिता बिड़ला समूह में कार्य़रत थे और खुद अंबानी परिवार के ऑफर पर उनकी शादी मुकेश अंबानी से हुई थी। भले ही नीता अंबानी एक मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती थीं, लेकिन मुकेश अंबानी से शादी के बाद उन्होंने तेजी से अपने अंदर कारोबारी स्किल्स डिवेलप की थीं। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक खुद नीता अंबानी ने ही एक बार बताया था, ‘मैंने शुरुआती दिनों में ही मुकेश अंबानी से यह कहा था कि मैं सिर्फ एक गहना बनकर नहीं रहना चाहती।’
नीता और मुकेश अंबानी की शादी 1985 में हुई थी। नीता ने स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा किया था और शादी के कुछ सालों बाद तक भी एक टीचर के तौर पर काम किया था। नीता अंबानी बताती हैं कि उस दौर में लोग आश्चर्य से देखते थे कि आखिर मैं क्यों काम कर रही हूं, लेकिन मुकेश अंबानी ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। हालांकि 1991 में जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद नीता अंबानी ने लंबा ब्रेक लिया था। दरअसल आकाश और ईशा अंबानी का जन्म आईवीएफ तकनीक से हुआ था और उन्हें काफी अटेंशन की जरूरत थी।
फिर 6 साल बाद नीता अंबानी ने दोबारा कामकाज शुरू किया था। उस वक्त मुकेश अंबानी गुजरात के जामनगर में एक कंपनी टाउनशिप तैयार कर रहे थे, जहां रिलायंस का बड़ा रिफाइनिंग कॉम्पलेक्स था। मुकेश अंबानी ने इस काम की देखरेख का जिम्मा नीता अंबानी को दिया था। नीता अंबानी ने कहा था कि तब मेरे पास कोई अनुभव नहीं था। वह अगले तीन साल तक हर सप्ताह दो दिन कॉम्पलेक्स को देखने जाती थीं।
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक नीता अंबानी उस दौर को याद करते हुए कहती हैं कि तब वहां हर कोई मुझे सर कहता था और मैं वहां अकेली महिला हुआ करती थी। नीता अंबानी ने अपने उस अनुभव को लेकर कहा था कि रिलायंस में रोज टारगेट पूरा करना होता है और उसकी मशीनरी कभी रुकती नहीं। फिलहाल जामनगर में स्थित रिलायंस की टाउनशिप में 17,000 लोग रहते हैं। यह एक तरह से नीत अंबानी को मिला पहला असाइनमेंट था, जिसे उन्होंने सफलता से पूरा किया था।
उसके बाद फिर नीता अंबानी ने रिलायंस के कामकाज में तेजी से हिस्सा लेना शुरू किया। सबसे पहले उन्हें धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की जिम्मेदारी मिली थी। मुंबई के इस नामी स्कूल से ही उनके बच्चे भी पढ़े थे। यही नहीं नीता अंबानी ने स्कूल पर लगे एलीट टैग को हटाते हुए इवनिंग क्लासेज में स्ट्रीट किड्स को भी शामिल करना शुरू किया था। इसके बाद फिर 2008 में आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम को रिलायंस ने खरीदा तो उसका कामकाज भी नीता अंबानी ने ही संभालना शुरू किया था और आज भी उसका मैनेजमेंट देखती हैं।