Manufacturing growth at four month low: भारत में मार्च के महीने में मैन्युफैक्चरिंग बीते 4 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई। यही नहीं कोरोना के चलते आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने की आशंका है। एक निजी सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। देश में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक का लॉकडाउन है और मार्च महीने में यह 7 दिन ही है। सिर्फ 7 दिनों के लॉकडाउन में मार्च महीने में मैन्युफैक्चरिंग 4 साल के निचले लेवल पर पहुंच गई। ऐसे में अप्रैल के 14 दिनों के लॉकडाउन में आंकड़ा बहुत ज्यादा चिंताजनक होने की आशंका है।
IHS मार्किट की ओर से तैयार किए गए निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के मुताबिक फरवरी में यह आंकड़ा 54.5 था, जबकि मार्च में यह 51.8 पर्सेंट ही रह गया। माना जा रहा है कि 21 दिनों के लॉकडाउन का भारत की आर्थिक ग्रोथ पर बड़ा असर होगा। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से मि़डिल क्लास को लोन आदि में राहत और सरकार की ओर से गरीबों के लिए पैकेज जारी किया गया है, लेकिन इसे नाकाफी माना जा रहा है।
IHS Markit से जुड़े अर्थशास्त्री इलियट केर ने कहा, ‘भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्चर मार्च के महीने में काफी हद तक दुनिया में कोरोना के संकट के चलते आई मंदी से बचा रहा है। हालांकि कुछ सेक्टर्स में इसका सीधा असर देखने को मिला है।’ इंडेक्स के मुताबिक सबसे ज्यादा संकट नए एक्सपोर्ट ऑर्डर और भविष्य की बुकिंग एवं गतिविधियों पर देखने को मिला है। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर मांग में अभूतपूर्व कमी आना और घरेलू बाजार में भी भरोसा कम होना रहा है।
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर ही सिमट जाने का अनुमान जताया है। बीते 30 सालों में देश की जीडीपी का यह सबसे निचला स्तर होगा। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी Crisil ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमान में बड़ी कटौती की है।
Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं | क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?