सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को अपनी पूर्ण विकास क्षमता का एहसास कराने और निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न देने में मदद करने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करने की योजना बना रही है। एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार बदलाव के लिए एलआईसी पर दबाव डाल रही है।

जीवन बीमा निगम (एलआईसी) 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्‍टेड होने के बाद से 949 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहा है। यह एनएसई पर 872 रुपये पर लिस्‍टेड है। वहीं मंगलवार को इसके शेयर पिछले बंद के मुकाबले 0.72 फीसदी की गिरावट के साथ 595.50 रुपये पर बंद हुआ थे।

हालांकि विदेशी ब्रोकरेज LIC के लिए अगले वर्ष में एक हाई वैल्‍यू प्राइज निर्धारित करने के लिए उत्साहित हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि बीमाकर्ता के पास अच्छी मध्यम अवधि की बाजार क्षमता, नगण्य उच्च जोखिम वाली संपत्ति और एम्बेडेड वैल्यू (ROEV) पर मजबूत कोर ऑपरेटिंग रिटर्न है। वहीं सिटी ने 14 अक्टूबर की एक शोध रिपोर्ट में एलआईसी शेयरों के लिए 1,000 रुपये का टारगेट दिया है।

क्‍या बदलवा करना चाहती है सरकार

वित्त मंत्रालय अपने प्रदर्शन की समीक्षा में एलआईसी मैनेजमेंट को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो बेहतर निवेशक धन के लिए उठाए जा सकते हैं और लाभ देने में सुधार के लिए गैर-भाग लेने वाले उत्पादों या टर्म योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

अधिकारी ने कहा कि एलआईसी की लिस्‍ट‍िंंग के साथ 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण का प्रॉसेस शुरू हो गई है। अधिकारी ने कहा कि ऐसी व्‍यवस्‍था पर काम किया जा रहा है, ताकि उत्‍पाद की पेशकश की जा सके और पॉलिसीधारकों को कम लाभांश भुगतान कर सकें। ऐसे में गैर पार्टिशिपेट लेने वाले बीमा प्रोडक्‍स में यूजर्स पॉलिसीधारकों के साथ लाभांश के रूप में लाभ को शेयर करने की आवश्‍यकता नहीं होगी।

गौरतलब है कि एलआईसी का स्टैंडअलोन पहली तिमाही का शुद्ध लाभ एक साल पहले की अवधि में 2.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 682.88 करोड़ रुपये हो गया। एलआईसी ने मार्च 2022 तक 5,41,492 करोड़ रुपये का एम्बेडेड मूल्य दर्ज किया, जबकि मार्च 2021 में यह 95,605 करोड़ रुपये और सितंबर 2021 में 5,39,686 करोड़ रुपये था।

बता दें कि इसका आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 902-949 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में आया था। इस इश्यू से सरकारी खजाने में करीब 21,000 करोड़ रुपये आए।