LIC Kanyadan Policy Details, Kanyadan Policy Reality: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कन्यादान पॉलिसी बताकर धड़ल्ले से दूसरा प्लान बेचा जा रहा है। बीमा एजेंट्स और ट्रेनर्स वेबसाइट्स-सोशल मीडिया पर इस पॉलिसी का जमकर प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। दावा है कि प्लान के तहत हर रोज 121 से 150 रुपए तक बचाएं और बेटी के कन्यादान के वक्त 21 से 27 लाख रुपए पाएं, जबकि एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर इस नाम से कोई योजना ही नहीं है। मौजूदा समय में एलआईसी बच्चों के दो प्लान ऑफर कर रहा है। इनमें चिलड्रेन मनी बैक प्लान और जीवन तरुण योजना शामिल है। ऐसे में कन्यादान पॉलिसी का कॉन्सेप्ट क्या है और कहां से आया? जानिएः
क्या चल रहा है दावा: कई वेबसाइट्स से लेकर विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप पर इन दिनों कन्यादान पॉलिसी के प्रचार वाले फोटो, पैम्फ्लेट वायरल खूब हो रहे हैं। एजेंट्स इनमें बता रहे हैं कि ये एलआईसी की तरफ से लोगों के लिए उनकी बेटियों के लिए सबसे बेहतरीन तोहफा है, जो कि बच्ची की शिक्षा या फिर शादी में आर्थिक रूप से खासा मदद मुहैया कराएगा। दावा है कि अगर कोई शख्स पॉलिसी के तहत 75 रुपए प्रतिदिन बचाता है, तब बेटी को शादी के समय 14 लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही, ये दावे भी किए जा रहे हैं:
– पिता की मुत्यु पर कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा
– दुर्घटना (एक्सिडेंटल डेथ) में जान जाने पर पीड़ित पक्ष को 10 लाख (रकम पॉलिसी पर निर्भर करेगी) मिलेंगे।
– प्राकृतिक मुत्यु के मामले में तत्काल पांच लाख रुपए दिए जाएंगे।
– पॉलिसीधारक को मैच्योरिटी तक हर साल 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
– 75 रुपए प्रतिदिन बचाएंगे, तब बेटी की शादी के वक्त 14.5 लाख मिलेंगे।
– 151 रुपए रोज बचाएंगे, तब 31 लाख रुपए दिए जाएंगे।
– 251 रुपए सेव करेंगे, उस स्थिति में 51 लाख की रकम हासिल होगी।
क्या है सच: इस दावे का सच जानने के लिए जनसत्ता.कॉम ने एलआईसी के अधिकारियों व अधिकृत एजेंट्स से बात की। उनका कहना है कि एलआईसी की ‘जीवन लक्ष्य’ पॉलिसी को कस्टमाइज्ड कर कन्यादान पॉलिसी के नाम से बेचा जा रहा है। इसे प्रचारित कन्यादान पॉलिसी के रूप में किया जा रहा है, लेकिन कागजी तौर पर इस पॉलिसी का जिक्र कहीं नहीं आएगा। बचत और मिलने वाली राशि को लेकर किए जा रहे दावों के बारे में उन्होंने बताया कि यह प्रीमियम की रकम और पॉलिसी की मियाद पर निर्भर करेगा। पॉलिसी का प्रचार करने वाले पूर्व में मिल चके बोनस के आधार पर भविष्य के बोनस की गणना करके मिलने वाली राशि का आकलन बताते हैं। यानी, यह आकलन भी पूरी तरह सही नहीं होगा। प्रीमियम की रकम, पॉलिसी की मियाद के अलावा बोनस की रकम पर निर्भर करेगा।
एलआईसी में कार्यरत एक अन्य अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “ऐसे एजेंट्स लोगों की भावनाएं भुना कर पॉलिसी बेच रहे हैं। वे भांप लेते हैं कि किस व्यक्ति को किस प्रकार के बीमा या अन्य निवेश संबंधी योजना की जरूरत है। वे जीवन लक्ष्य को कन्यादान पॉलिसी बताकर बेच रहे हैं, जबकि पॉलिसी के कागजों में कहीं भी कन्यादान योजना का नाम नहीं होगा।”