किशोर बियानी की लीडरशिप वाले फ्यूचर ग्रुप की शनिवार को बोर्ड मीटिंग है और इसमें रिलायंस के हाथों समूह के रिटेल बिजनेस को बेचने को मंजूरी दी जा सकती है। कर्ज के संकट से जूझ रहे किशोर बियानी इस डील के जरिए अपनी देनदारियों को खत्म करने की कोशिश में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच यह डील 29 से 30 हजार करोड़ रुपये में हो सकती है। हालांकि इस डील के बाद भी किशोर बियानी के हाथों में ज्यादा रकम नहीं रह जाएगी। आइए जानते हैं, कितना है उनका कर्ज और किसके लिए रकम देगा रिलायंस…
डील के तहत मिलने वाली रकम में से किशोर बियानी 13,000 करोड़ रुपये की बड़ी पूंजी कर्ज उतारने में खर्च कर देंगे। इसके अलावा 7,000 करोड़ रुपये के करीब किराया और अन्य देनदारियां बकाया हैं, जिसे फ्यूचर ग्रुप को अदा करना होगा। इस तरह समूह 20,000 करोड़ रुपये सिर्फ देनदारी में ही खर्च कर देगा। साफ है कि किशोर बियानी के पास रिटेल बिजनेस बेचने के बाद भी 7,000 करोड़ रुपये के करीब ही बचेंगे। डील के मुताबिक फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस के साथ मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप को फ्यूचर इंटरप्राइजेज में भी 3000 करोड़ रुपये में कुछ हिस्सेदारी मिल सकती है। बियानी के फ्यूचर रिटेल में बिग बाजार, Ezone फैशन, फैशन एट बिग बाजार (FBB), फूडहॉल और Easyday जैसे कई सुपरमार्केट ब्रांड्स शामिल हैं।
एक तरफ यह डील किशोर बियानी को कर्ज उतारने में मदद करेगी तो दूसरी तरफ उन्हें रिटेल बिजनेस से बाहर होना पड़ेगा। अब तक रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी के लिए यह बड़ा झटका होगा। वहीं रिलायंस देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बन जाएगी। रिलायंस रिटेल की देश के 1800 से ज्यादा फ्यूचर रिटेल स्टोर्स तक पहुंच हो जाएगी। बता दें कि रिलायंस जियो के जरिए टेलिकॉम और डिजिटल सेक्टर में अपना जलवा कायम करने के बाद रिलायंस रिटेल के माध्यम से मुकेश अंबानी अब खुदरा कारोबार का भी बड़ा प्लेयर बनने की तैयारी कर रहे हैं।
डील की खबर से चढ़े फ्यूचर इंटरप्राइजेज के शेयर: इस बीच रिलायंस से डील पक्की होने की खबर के बाद से फ्यूचर इंटरप्राइजेज के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को शेयर बाजार में कारोबार शुरू होने के बाद फ्यूचर ग्रुप के शेयरों में 5 फीसदी की तेजी देखी गई है। गुरुवार को फ्यूचर इंटरप्राइजेज का शेयर 19.25 रुपये पर था, जो शुक्रवार को 20.20 रुपये पर पहुंच गया।
कर्ज में ही पैंटालून को भी पड़ा था बेचना: किशोर बियानी के लिए यह पहला मौका नहीं है, जब कर्ज के चलते उन्हें अपना कारोबार बेचना पड़ा है। इससे पहले 2012 में भी आर्थिक संकट के चलते उन्हें कपड़ों के अपने खड़े किए नामी ब्रांड पैंटालून को बिड़ला ग्रुप के हाथों बेचना पड़ा था। किशोर बियानी ने इस ब्रांड को 1997 में स्थापित किया था।