टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और रतन टाटा के चाचा जेआरडी टाटा देश के जाने-माने उद्योगपति थे। जेआरडी टाटा को बचपन से ही जहाज में उड़ने की दीवानगी थी। जहाज उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस पाने वाले जेआरडी पहले भारतीय थी। आज हम आपको जीआरडी टाटा के जीवन से जुड़ा ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने इंग्लैंड से लेकर भारत तक अकेले हवाई जहाज उड़ाया था।

आरएम लाला की ओर से लिखी गई जीआरडी टाटा की जीवनी ”बियॉन्ड द लास्ट ब्लू माउंटेन” (Beyond The Last Blue Mountain) के मुताबिक, 19 नवंबर 1929 के लंदन टाइम्स में एक विज्ञापन छपा था। आगा खां की ओर से प्रकाशित कराए गए इस विज्ञापन में कहा गया था कि जो भी भारतीय इंग्लैंड से भारत या भारत से इंग्लैंड की अकेले हवाई जहाज से यात्रा करेगा, उसे इनाम में 500 पाउंड दिए जाएंगे। जेआरडी टाटा ने आगा खां की यह चुनौती स्वीकार कर ली और तय समय पर उड़ान भरी। लेकिन उन्हें इस मुकाबले में एस्पी मेरवां इंजीनियर ने हरा दिया। बाद में एस्पी इंजीनियर भारत के वायुसेना अध्यक्ष बने।

डाक लेकर हवाई जहाज भी उड़ाते थे जेआरडी टाटा: जेआरडी टाटा की जीवनी के मुताबिक, वे डाक लेकर भी हवाई जहाज भी उड़ाते थे। 15 अक्टूबर 1932 को जीआरडी टाटा ने कराची हवाई अड्डे से हवाई डाक लेकर अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी। बाद में इस उड़ान को बंबई तक ले जाया गया। जेआरडी ने अपनी जीवनी लिखने वाले आरएम लाला को बातचीत में बताया कि उस समय हमारे पास हवा में या जमीन पर मदद के लिए कोई नेविगेशन नहीं था। ना ही हमारे पास रेडियो होता था।

मौसम खराब होने पर पूना की यरवदा जेल में उतराते थे जहाज: अपने जीवनीकार आरएम लाला से बातचीत में जेआरडी टाटा कहते हैं कि उस समय बंबई में कोई हवाई अड्डा नहीं होता था। उस समय जुहू के सपाट इलाके में जहाज लैंड कराए जाते थे। कई बार मौसम खराब की समस्या का सामना करना पड़ता था। ऐसे में जहाज को पूना ले जाया जाता था। यहां पर यरवदा जेल के अहाते में जहाज को उतारा जाता था।

टाटा ग्रुप की कई कंपनियों की स्थापना की: जेआरडी टाटा ने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा ग्रुप की कई कंपनियों की स्थापना की। इसमें टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज, टाटा सॉल्ट (नमक), वोल्टास और एअर इंडिया शामिल हैं।

फ्रेंच भाषा बोलते थे जेआरडी टाटा: जेआरडी टाटा की मां एक फ्रेंच महिला थीं। जेआरडी का अधिकांश बचपन फ्रांस में ही गुजरा था। इसी का परिणाम था कि जेआरडी टाटा की पहली भाषा फ्रेंच थी। मां के फ्रेंच महिला होने के कारण जेआरडी के परिवार में फ्रेंच भाषा ही बोली जाती थी। जेआरडी टाटा को भारत और फ्रांस के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।