अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के खिलाफ बाजार हेर-फेर के आरोपों को लेकर प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (Securities Appellate Tribunal) में मामला दायर किया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को की गई अपील में अनुरोध किया गया है कि SAT, सेबी को जेन स्ट्रीट को मिसिंग मटेरियल उपलब्ध कराने का निर्देश दे। फर्म ने अदालत में फाइल अपने आवेदन में कहा, “ये दस्तावेज निस्संदेह प्रासंगिक हैं।” रिपोर्ट के अनुसार, फर्म ने कहा है कि सेबी मार्केट हेर-फेर के उसके आरोपों को पुष्ट करने वाले दस्तावेज और आंकड़े उपलब्ध नहीं करा रहा है।

इससे पहले जुलाई में, सेबी ने जेन स्ट्रीट पर भारत के प्रमुख सूचकांकों में हेर-फेर करने के आरोपों के चलते लोकल मार्केट में कारोबार करने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। जेन स्ट्रीट सेबी के आरोपों का जवाब देने के लिए 21 दिनों की समय सीमा चूक गई है।

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सेबी ने जेन स्ट्रीट को प्रतिभूति बाजारों से किया था बैन

हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अमेरिकी ‘ट्रेडिंग’ कंपनी जेन स्ट्रीट को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया था और कंपनी को 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया था।

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सेबी के आदेश के अनुसार, भारत में जुलाई 2024 में जांच के दायरे में आने के बावजूद, जेन स्ट्रीट ने लगभग 1 साल तक बिना किसी रुकावट के व्यापार करती रही। फिर आखिरकार सेबी ने 3 जुलाई को अपना आदेश पारित किया, जिसमें जेन स्ट्रीट को भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने से रोक दिया।

मार्केट रेगुलेटर के आदेश के अनुसार, अप्रैल 2024 में जेन स्ट्रीट ने न्यूयॉर्क की अदालत (सदर्न डिस्ट्रिक्ट) में मिलेनियम मैनेजमेंट और उसके दो पूर्व ट्रेडर्स (डगलस शैडवाल्ड और डैनियल स्पॉटिसवुड) के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने एक बेहद गोपनीय ट्रेडिंग रणनीति चुरा ली थी।