Key documents required for ITR Filing : आयकर रिटर्न दाखिल करने का वक्त शुरू हो चुका है। आईटीआर फाइल करते समय टैक्सपेयर्स को कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार आखिरी वक्त में पता चलता है कि उनमें से कुछ या कोई एक डॉक्युमेंट उनके पास नहीं है। अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया के बीच में आने वाली ऐसी दिक्कतों से बचना चाहते हैं, तो सभी जरूरी दस्तावेज पहले से जमा करके रख लें। वैसे तो हर टैक्सपेयर को अपनी आय और आर्थिक लेनदेन के हिसाब से कुछ अलग-अलग डॉक्युमेंट्स देने पड़ सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे प्रमुख दस्तावेज हैं, जिनकी जरूरत ज्यादातर लोगों को पड़ती है। यहां हम ऐसे ही डॉक्युमेंट्स की चेकलिस्ट दे रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपना रिटर्न फाइल करने की तैयारी कर सकते हैं: 

1. पैन कार्ड 

इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले सभी लोगों के लिए रिटर्न फाइल करते समय या आयकर का चालान भरते समय अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) देना जरूरी होता है। ऐसा करना इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139A(5) के तहत ऐसा करना अनिवार्य है। 

2. आधार कार्ड

पैन नंबर के साथ ही साथ इनकम टैक्स पेयर्स के लिए अपना आधार कार्ड (Aadhaar card) बनवाकर अपने रिटर्न में उसका डिटेल देना भी जरूरी है। इसके साथ ही आधार कार्ड को अपने पैनकार्ड के साथ लिंक भी करना होता है। इनकम टैक्स रिफंड पाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। 

3. फॉर्म 16 / फॉर्म 16A

अगर आप नौकरी करते हैं, तो आईटीआर फाइल करने के लिए आपके पास अपने एंप्लॉयर की तरफ से जारी किया गया फॉर्म 16 होना भी जरूरी है। इस फॉर्म में आपके वेतन और उस पर काटे गए टीडीएस (TDS) का डिटेल दिया रहता है। अगर आपकी आमदनी में वेतन के अलावा बैंक से मिलने वाला ब्याज, प्रोफेशनल फीस के तौर पर मिली रकम या किसी और स्रोत से होने वाली आय भी शामिल है, तो उस पर काटे गए टीडीएस का सर्टिफिकेट भी आपके पास होना चाहिए, जिसे फॉर्म 16 A कहते हैं। फॉर्म 16A आपको बैंक या पेमेंट करने वाले संस्थान की तरफ से जारी किया जाता है। 

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4. फॉर्म 26AS

रिटर्न फाइल करते समय आपके पास फॉर्म 26AS की जानकारी भी होनी चाहिए, जिसमें पूरे वित्त वर्ष के दौरान आपके तमाम महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन का ब्योरा रहता है। इसमें प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त, हाई-वैल्यू इनवेस्टमेंट और टीडीएस/टीसीएस ट्रांजैक्शन के डिटेल भी शामिल हैं। आपके रिटर्न में भरी गई जानकारी का फॉर्म 26AS में दिए डिटेल से मेल खाना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर आयकर विभाग आपसे स्पष्टीकर मांग सकता है। 

5. एन्युअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट 

इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए एक और जरूरी डॉक्युमेंट एन्युअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) है, जिसे आपके तमाम आर्थिक लेन-देन की इनकम टैक्स विभाग के पास मौजूद जानकारी के आधार पर तैयार किया जाता है। AIS में फॉर्म 26AS के अलावा टैक्सपेयर के आर्थिक लेन-देन से जुड़ी कई और जानकारियां भी दी जाती हैं। इनमें सेविंग्स अकाउंट पर मिला ब्याज, डिविडेंड इनकम, किराए से हुई आमदनी, विदेशों से आया धन और शेयरों की खरीद-बिक्री समेत कई और ट्रांजैक्शन शामिल रहते हैं। 

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6. टैक्स इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट 

इनकम टैक्स विभाग के पास हर टैक्सपेयर से जुड़ा टैक्स इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (TIS) भी होता है। इसमें करदाता के इनकम टैक्स रिटर्न, टैक्स अदायगी, रिफंड समेत उसके आयकर से जुड़ी तमाम जानकारियां रहती हैं। आईटीआर फाइल करने से पहले ऊपर बताए सभी दस्तावेजों, यानी फॉर्म 16, फॉर्म 16A, फॉर्म 26AS, एसआईएस और टीआईएस में दी गई जानकारी को चेक करना और उनका आपस में मिलान करना जरूरी है। ऐसा इसलिए ताकि आयकर विभाग के पास मौजूद जानकारी और आपके रिटर्न में दिए गए डिटेल में कोई मिस-मैच न हो। अगर कोई मिसमैच है, तो अपनी तरफ से दी गई जानकारी को सही साबित करने के लिए आपके पास जरूरी प्रूफ होना चाहिए। अगर आप इन्हें समय रहते चेक करते हैं और इनमें कोई गलती सामने आती है, तो टैक्स पोर्टल पर फीडबैक देकर आप उनमें करेक्शन करा सकते हैं। अगर टीडीएस/टीसीएस के डिटेल में कोई गड़बड़ी है, तो आप डिडक्शन करने वाले से कहकर उसे ठीक करा सकते हैं। 

7. डिविडेंड, किराए या कैपिटल गेन्स के डिटेल

अगर आपको डिविंडेड, मकान किराए या किसी और तरीके से पैसिव इनकम होती है, तो उसका डिटेल भी आपको आयकर रिटर्न भरते समय अपने पास रखना चाहिए। मिसाल के तौर पर आप अगर शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं, तो अपने डीमैट अकाउंट का पूरे वित्त वर्ष का स्टेटमेंट निकालकर रखें। इससे आपको अपना रिटर्न सही ढंग से भरने में काफी मदद मिलेगी और कोई अहम जानकारी छूटने का रिस्क कम रहेगा। हालांकि ऐसे दस्तावेज आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देने नहीं होते हैं, लेकिन भविष्य में रेफरेंस के लिए इनकी जरूरत पड़ सकती है, लिहाजा इन्हें संभालकर रखें। 

8. होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट 

जो टैक्सपेयर होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर रहे हैं, उन्हें होम लोन का इंटरेस्ट सर्टिफिकेट संभालकर रखना चाहिए, क्योंकि आईटीआर भरते समय और भविष्य में रेफरेंस के लिए भी उसकी जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी और दूसरे टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स से जुड़े पेमेंट की रसीदें और प्रूफ भी संभालकर रखें। 

रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 

इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक सभी करदाताओं के लिए दी गई अंतिम तारीख तक या उससे पहले अपना आयकर रिटर्न भरना जरूरी है। जिन करदाताओं के लिए अपने अकाउंट का ऑडिट कराना जरूरी नहीं है, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई रहती है। जिन कॉर्पोरेट और टैक्स पेयर्स को अपने अकाउंट ऑडिट कराने हैं, उनके लिए डेडलाइन 31 अक्टूबर है। जिन कॉरपोरेट टैक्सपेयर्स को ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट देनी पड़ती है, उनके लिए रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 30 नवंबर है। रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 है और जिन लोगों को 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करना था, लेकिन नहीं कर पाए, उनके लिए पेनाल्टी के साथ रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर है।