ITR Filing 2025: आयकर विभाग ने वित्तीय साल 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इससे आपके पास पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बीच चुनाव करने के लिए अधिक समय है। सैलरीड कर्मचारी या पेंशनभोगी, जिनकी व्यावसायिक आय नहीं है, ITR फाइल करने से पहले हर वर्ष ITR-1 या ITR-2 में विकल्प चुनकर कर व्यवस्था बदल सकते हैं।

कारोबारी इनकम के लिए कड़े नियम

कमर्शियल और प्रोफेशनल इनकम वाले व्यक्तियों के लिए, नियम काफी कड़े हैं। आप अपनी लाइफ में सिर्फ एक बार पुरानी कर व्यवस्था में वापस जा सकते हैं और उसके बाद यह विकल्प लॉक हो जाता है। ऐसा करने के लिए, आपको ITR फाइल करने की डेट से पहले फॉर्म 10-IEA फाइल करना होगा। अगर आप यह फॉर्म समय पर फाइल नहीं करते हैं, तो नई टैक्स व्यवस्था अपने आप लागू हो जाएगी।

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पुरानी और नई कर व्यवस्थाओं के बीच तुलना

अगर आप इस उलझन में हैं कि कौन-सी व्यवस्था चुनें, तो याद रखें कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA), धारा 80C से 80U के तहत कटौती और धारा 24(b) के तहत होम लोन ब्याज केवल पुरानी कर व्यवस्था में ही उपलब्ध हैं।

न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य इनकम वाले व्यक्तियों के लिए कम डिडक्शन हैं, लेकिन पूरी टैक्स छूट है। यदि कर योग्य आय 12 लाख रुपये से अधिक है, तो पूरी राशि पर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा। ये स्लैब इस प्रकार हैं: पहले 4 लाख रुपये पर शून्य कर, 4 लाख से 8 लाख रुपये पर 5% कर, 8 लाख से 12 लाख रुपये पर 10%, 12 लाख से 16 लाख रुपये पर 15%, इत्यादि।

नई व्यवस्था में धारा 80CCD(2) और 80CCH(2) के तहत सीमित लाभ भी मिलते हैं, सिवाय व्यापक 80C के, जो सैलरीड टैक्सपेयर्स के बीच लोकप्रिय है।

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नए और पुराने टैक्स रिजीम में कौन सी आपके लिए बेहतर?

यह निर्णय लेने से पहले अपनी आय, सैलरी और टैक्स बचत स्कीम की समीक्षा करें। अगर आपकी कटौतियां कम हैं, तो नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। लेकिन अगर आप धारा 80C, 80D, HRA या होम लोन ब्याज जैसी बड़ी कटौतियों का लाभ ले रहे हैं, तो पुरानी व्यवस्था बेहतर हो सकती है।

ध्यान दें कि नई व्यवस्था में होम लोन (Home Loan), कैपिटल गेन (Capital Gain) या बिजनेस लॉस (Business Loss) को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, जिससे भविष्य में टैक्स बढ़ सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आप होम लोन पर ₹2 लाख की ब्याज कटौती या ज्यादा HRA का दावा कर सकते हैं, तभी पुरानी व्यवस्था चुनें। वरना नई व्यवस्था सरल और फायदेमंद हो सकती है।