ITR Filing AY 2025-26: आयकर विभाग हर वर्ष टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की समय सीमा तय करता है। कुछ बदलावों के वजह से इस बार विभाग ने रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त समय दिया। गैर-ऑडिट कैटेगिरी के टैक्सपेयर्स के लिए समय सीमा 16 सितंबर, 2025 को समाप्त हो गई।

रिटर्न फाइल करने की समय सीमा समाप्त

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की लास्ट डेट 2025-26 के लिए 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। हालांकि, आयकर विभाग ने उन टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करने की समय सीमा नहीं बढ़ाई है जिन पर टैक्स ऑडिट लागू होता है।

एक टैक्सपेयर के रूप में, क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप देर से आईटीआर फाइल करने की समय सीमा भी चूक जाते हैं तो क्या होगा? और अगर आप इस साल अपना आईटीआर फाइल ही नहीं करते हैं, तो क्या होगा?

भारत में कोई भी व्यक्ति जिसकी आय आयकर अधिनियम के तहत कर योग्य सीमा से अधिक है, उसे प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर फाइल करना आवश्यक है।

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वित्त वर्ष 2024-25 के लिए, यदि आपकी वार्षिक आय इससे अधिक है –

– 2.5 लाख रुपये (सामान्य करदाता)।

– 3 लाख रुपये (60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक)।

– 5 लाख रुपये (80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक)।

इसके अलावा, अगर आपकी इनकम कर योग्य सीमा से कम है, तब भी आपको ITR फाइल करना पड़ सकता है यदि आपके बैंक जमा 1 करोड़ रुपये से अधिक हैं, विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं या बिजली बिलों पर 1 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं।

आईटीआर फाइल करने वाले लोगों के प्रकार

ITR फाइल करने वाले लोगों को मोटे तौर पर दो कैटेगिरी (गैर-ऑडिट और ऑडिट कैटेगिरी) में विभाजित किया जाता है –

गैर-ऑडिट कैटेगिरी: इनमें सैलरीड व्यक्ति, पेंशनभोगी, छोटे कारोबार, फ्रीलांसर, या वे लोग शामिल हैं जिनके खातों का ऑडिट कराना जरुरत नहीं है।

इस वर्ष इन व्यक्तियों के लिए ITR फाइल करने की अंतिम लास्ट 16 सितंबर, 2025 थी।

ऑडिट कैटेगिरी: इनमें वे व्यवसायी या पेशेवर शामिल हैं जिनका टर्नओवर या सकल प्राप्तियां निर्धारित सीमा (पेशेवरों के लिए 1 करोड़ रुपये या 50 लाख रुपये) से अधिक हैं।

इन टैक्सपेयर्स अपने खातों की ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होती है।

इस वर्ष, कर ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की समय सीमा 31 अक्टूबर, 2025 (एक महीने के विस्तार के बाद) तक बढ़ा दी गई है।

इन ऑडिटेड करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने की समय सीमा अभी तक नहीं बढ़ाई गई है।

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गैर-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए क्या विकल्प बचे हैं?

अगर आप गैर-ऑडिट कैटेगिरी में आते हैं और 16 सितंबर तक अपना आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो आपके पास अभी भी विलंबित आईटीआर फाइल करने का अवसर है। आप 31 दिसंबर, 2025 तक विलंबित आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

हालांकि, इसमें कुछ नुकसान और जुर्माना शामिल हैं –

विलंब शुल्क: आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत, यदि आपकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

यदि आपकी आय 5 लाख रुपये से कम है, तो जुर्माना 1,000 रुपये तक होगा।

ब्याज: यदि आप पर कर बकाया है, तो आपको धारा 234A के तहत 1% प्रति माह की दर से ब्याज देना पड़ सकता है।

यदि आप विलंबित आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो क्या होगा?

अगर आप इस साल अपना आईटीआर फाइल ही नहीं करते हैं। ऐसी स्थिति में आपकी आय का डेटा कर विभाग के पास रहेगा।

विभाग आपके बैंक लेन-देन, टीडीएस, एआईएस और एसआईएस रिपोर्ट से आपकी आय का अनुमान लगा सकता है। अगर कोई अंतर पाया जाता है, तो नोटिस भेजा जा सकता है। आप आईटीआर फाइल करने का अधिकार खो देंगे। आप 31 दिसंबर, 2025 के बाद विलंबित आईटीआर भी फाइल नहीं कर सकते।

हालांकि, कुछ असाधारण मामलों में, आप क्षमादान अनुरोध के जरिए विलंबित आईटीआर (Belated ITR) फाइल करने की अनुमति मांग सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से विभागीय अप्रूवल पर निर्भर करेगा।

जुर्माने और जांच का खतरा: अगर विभाग को आपकी अघोषित आय का पता चलता है, तो आपको 100% से 300% तक का जुर्माना लग सकता है। गंभीर मामलों में, अभियोजन कार्रवाई भी संभव है।

आईटीआर फाइल न करने के दीर्घकालिक परिणाम

भविष्य में, यदि आप बैंक से होम या बिजनेस लोन लेते हैं, अपने बच्चे की शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं या विदेश यात्रा के लिए वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो आपसे आईटीआर की एक प्रति मांगी जाएगी। यदि आपने इसे फाइल नहीं किया है, तो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है।