देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी का दिल जीतने वाली इंटरनेट टेक्नोलॉजी कंपनी जस्टडायल के बनने की कहानी काफी रोचक है। जस्टडायल के संस्थापक वीएसएस मणि बताते हैं कि वे 1987 में कारोबारों के लिए डायरेक्टरी सेवाएं देने वाली यूनाइटेड डाटाबेस में सेल्समैन की नौकरी करते थे। इसी दौरान उनके दिमाग में सर्च अनुभव को बदलने का विचार आया।
1989 में उन्होंने दिल्ली में तीन अन्य साझेदारों के साथ मिलकर भारत की पहली फोन-बेस्ड डायरेक्टरी सेवाएं देने वाली कंपनी की शुरुआत की। लेकिन उस समय देश में फोन की संख्या कम होने के कारण यह आइडिया काम नहीं कर सका। 1992 में मणि ने यह कंपनी छोड़ दी और अपने सारे शेयर साझेदारों को दे दिए। इसके बाद अगले चार सालों तक मणि ने कई प्रकार के कारोबारों में हाथ आजमाया और अपने पसंदीदा वेंचर फोन-बेस्ड सर्च इंजन के लिए रुपए बचाए।
मुंबई से 50 हजार रुपए के निवेश से की शुरुआत : 1996 में मणि मुंबई पहुंचे और 50 हजार रुपए के निवेश के साथ जस्टडायल की स्थापना की। मणि ने मुंबई के मलाड में एक छोटा सा ऑफिस लिया। ऑफिस का फर्नीचर उधार लिया गया, जबकि कंप्यूटर किराए पर मंगाए गए। इसके बाद पांच कर्मचारियों के साथ जस्टडायल की शुरुआत की गई। मणि बताते हैं कि हमारा मुख्य फोकस ग्राहकों की हेल्पलाइन नंबर बनने पर था, ना कि केवल ब्रांड। जस्टडायल की सफलता में एमटीएनएल के एक तत्कालीन जनरल मैनेजर की काफी अहम भूमिका रही। मणि के मुताबिक, उनके आइडिया को सुनने के बाद एमटीएनएल के जनरल मैनेजर काफी प्रभावित हुए और तुरंत ही 888-8888 नंबर देने के लिए राजी हो गए।
पहले साल 25 लाख रुपए का रेवेन्यू जुटाया : मणि बताते हैं कि जस्टडायल की शुरुआत के बाद पहले कुछ महीने काफी कठिनाई से गुजरे। उन्होंने अपनी सैलरी नहीं ली। यहां तक कि कठिन दौर में मदद के लिए मणि की पत्नी ने अपनी ज्वैलरी तक गिरवी रख दी। कठिन समय के बावजूद मणि ने अपने इस आइडिया पर काम जारी रखा। कठिनाइयों भरे पहले साल के सफर में जस्टडायल ने 25 लाख रुपए का रेवेन्यू जुटाया। तब तक ग्राहकों को डायल-फॉर-इन्फॉर्मेंशन सर्विस पसंद आने लगी थी। 2004 में देश में सेल्यूलर की संख्या बढ़ने के साथ जस्टडायल के कारोबार में लगातार वृद्धि होती रही।
अब देश के कई शहरों में ऑफिस : अब जस्टडायल फोन, वेबसाइट और ऐप के जरिए लोकल सर्च, बी2बी और ई-कॉमर्स जैसी विभिन्न सेवाएं देती हैं। मुंबई में मुख्यालय के अलावा जस्टडायल के अहमदाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता समेत देश के कई शहरों में ऑफिस हैं। 2020 में कंपनी में 10,984 काम कर रहे थे। इस समय जस्टडायल के पास 30.4 मिलियन लिस्टिंग का डाटाबेस है। जस्ट डायल के 129.1 मिलियन तिमाही यूनिक विजिटर हैं। जस्टडायल ने हाल ही में जेडीमार्ट लॉन्च किया है।
रिलायंस रिटेल ने जस्टडायल की 66.95% हिस्सेदारी खरीदी : रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने जस्टडायल की 66.95% हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। यह सौदा 3,497 करोड़ रुपए में हुआ है। इस सौदे के पूरा होने के बाद रिलायंस रिटेल जस्टडायल की प्रमोटर कंपनी बन जाएगी। जस्टडायल के संस्थापक वीएसएस मणि कंपनी के एमडी और सीईओ के तौर पर कार्य करते रहेंगे। इस सौदे से रिलायंस रिटेल की जस्टडायल के 30.4 मिलियन लिस्टिंग के डाटा तक पहुंच हो जाएगी।