भारतीय रेलवे की ओर से यात्रियों के लिए कई सुविधाएं पेश की जाती हैं, ताकि लोगों का सफर आसान हो। इसी के मद्देनजर, अब IRCTC ने ऑनलाइन मेडिकल टूरिज्म पैकेज पेश किया है। आईआरसीटीसी का टूरिज्म पैकेज यात्रा, आवास व्यवस्था और टूर-पैकेज के विकल्प को बढ़ाने के लिए पेश किया गया है।
आईआरसीटीसी ने पॉयलट बेसिस पर मेडिको-टेक्निकल कंपनी के साथ ऑनलाइन सेवा कंपनी के साथ साझेदारी की है। यह सर्विस ग्राहकों को बैक इन सर्विस प्रोवाइड कराएगा। यह सर्विस लोगों को मेडिकल और वेलनेस पैकेज भी देगा। इसके साथ ही इस पैकेज में ग्राहकों के मेडिकल वैल्यू, ट्रैवेल और पूरे अनुभव का ध्यान रखा जाएगा।
कैसे उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ
अगर आप यह पैकेज लेना चाहते हैं तो आपको IRCTC की वेबसाइट http://www.irctctourism.com/MedicalTourism पर जा सकते हैं। इसके बाद आपको यहां पर मांगी गई पूरी जानकारी देनी होगी। अब आईआरसीटीसी की ओर से एक मेडिकल की एक टीम आपको कॉल करेगी और आपसे बजट, बीमारी, इलाज और कुछ बैक इंड अरेंजमेंट के बारे में जानकारी पूछेगी और इसी आधार पर आपका मेडिकल टूरिज्म पैकेज तैयार किया जाएगा।
क्या-क्या मिलेगा लाभ
IRCTC की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, लोगों को मेडिकल ट्रीटमेंट और वेलनेस पैकेज की सुविधा मिलेगी। इस पैकेज के तहत यात्री अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों की सुविधा पा सकते हैं। आईआरसीटीसी की ओर से यह मेडिकल पैकेज को पहली बार पेश किया गया है, जिसका लाभ आप पूरे देश में से कहीं भी उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के लिए एशिया में सबसे अधिक मांग वाले देशों मे से एक है। देश ने पिछले कुछ दशकों में आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है और समग्र स्वास्थ्य के लिए एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है, जो आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल, वैकल्पिक चिकित्सा और कल्याण को जोड़ती है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) के अनुसार, करीब 6.97 लाख मेडिकल टूरिस्ट 2019 में भारत मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए विजिट कर चुके हैं। 2023 तक भारत विश्व का 6 फीसदी वैल्यू टूरिज्म (MVT) मार्केट शेयर होगा। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर जैसी चिकित्सा सुविधाओं की बढ़ती उपस्थिति के साथ, ग्राहकों को उनकी पसंद, सुविधा और बजट के अनुसार उनकी बीमारियों के इलाज के लिए चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता महसूस की जा रही है।