देश की इकोनॉमी के लिए दो बुरी खबर है। पहली खबर ये है कि थोक महंगाई में इजाफा हुआ है। वहीं, निर्यात के मुकाबले आयात भी बढ़ा है।
लगातार दूसरे माह फरवरी में थोक महंगाई बढ़कर 4.17 प्रतिशत पर पहुंच गई। खाने-पीने और ईंधन, बिजली के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। थोक महंगाई एक महीना पहले जनवरी में 2.03 प्रतिशत पर थी जबकि एक साल पहले फरवरी में यह 2.26 प्रतिशत पर थी। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
कई माह तक लगातार नरम पड़ते जाने के बाद फरवरी माह में खाद्य पदार्थों के दाम 1.36 प्रतिशत बढ़ गये। इससे पहले जनवरी में इनमें 2.80 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों के दाम फरवरी में 2.90 प्रतिशत घट गये, वहीं जनवरी में इनके दाम 20.82 प्रतिशत नीचे गये थे। दालों की यदि बात की जाये तो फरवरी में दालों के दाम 10.25 प्रतिशत बढ़ गये।
वहीं, फलों के दाम 9.48 प्रतिशत और बिजली समूह की महंगाई 0.58 प्रतिशत रही। रिजर्व बैंक ने पिछले महीने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुये ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा। यह लगातार चौथी समीक्षा थी जिसमें दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति की यदि बात की जाये तो फरवरी में यह 5.03 प्रतिशत पर रही।
आयात और निर्यात का हाल: देश का निर्यात फरवरी में 0.67 प्रतिशत बढ़कर 27.93 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 6.96 प्रतिशत बढ़कर 40.54 अरब डॉलर पहुंच गया। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार आलोच्य महीने में व्यापार घाटा बढ़कर 12.62 अरब डॉलर पहुंच गया जो एक साल पहले इसी माह में 10.16 अरब डॉलर था।
आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान निर्यात 12.23 प्रतिशत घटकर 256.18 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी अवधि में 291.87 अरब डॉलर था। आलोच्य अवधि में आयात 23.11 प्रतिशत घटकर 340.8 अरब डॉलर रहा।
फरवरी में तेल आयात 16.63 प्रतिशत घटकर 8.99 अरब डॉलर रहा। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान यह 40.18 प्रतिशत घटकर 72.08 अरब डॉलर रहा।