भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है, लेकिन ट्रंप के कुछ हालिया फैसलों का असर भारत पर दिखने लगा है। अमेरिका ने कुछ खास वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स को लेकर नरमी नहीं दिखाई, जिससे भारत के अरबों के निर्यात को झटका लगा है।

एक्सपर्ट का मानना है कि अब दोनों देशों के रिश्ते पहले जैसे सहज नहीं रहे। दूसरी ओर, अमेरिका की कुछ नई विदेश नीतियों ने भारत की चिंता बढ़ाई है। खास तौर पर पड़ोसी देशों के साथ अमेरिका के बदलते रुख और भारत के कुछ अंतराष्ट्रीय फैसलों पर उसकी नाराजगी ने दोनों के बीच तनाव बढ़ा दिया है।

इन सेक्टर्स पर टैक्स को लेकर बातचीत नहीं करना चाहता अमेरिका

ट्रंप ने जो फैसले लिए हैं, उनका असर भारत पर दिखने लगा है। भारतीय अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अमेरिका स्टील और ऑटो सेक्टर पर लगने वाले टैक्स को लेकर बातचीत नहीं करना चाहता है। इसका असर भारत से होने वाले लगभग 5 अरब डॉलर के सामान के निर्यात पर पड़ चुका है।

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अमेरिका-भारत संबंध बना राजनैतिक खेल

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में Studies के VP इवान ए. फेगेनबाम ने सोमवार को कहा कि अमेरिका-भारत संबंध अब एक राजनीतिक खेल बन सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन बुनियादी समझौतों के कारण संबंध और मजबूत हुए थे, वे गंभीर खतरे में पड़ सकते हैं, क्योंकि नई दिल्ली ने मोटे तौर पर यह मान लिया था कि वाशिंगटन संबंधों को मजबूत करने के लिए राजनीतिक रिस्क उठाएगा। ऐसा कुछ जो ट्रंप ने नहीं किया है और स्पष्ट रूप से नहीं करेंगे।

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पाकिस्तान की अमेरिका से नजदीकी

फेगेनबाम ने कहा कि ट्रंप द्वारा इस्लामाबाद की तारीफ और पाकिस्तान की सेना व सरकार के साथ हालिया संबंधों से संबंधों में दरार और भी स्पष्ट हो गई है। ये ऐसे घटनाक्रम हैं जो नई दिल्ली में स्पष्ट रूप से चिंताएं पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, “अमेरिका भारत के ईरान, म्यांमार और बाद में रूस के साथ संबंधों से परेशान था। अब ट्रंप और उनका प्रशासन रूस के साथ तेल कारोबार को लेकर भारत पर प्रतिबंध और टैरिफ लगाने की ओर बढ़ रहा है। इससे द्विपक्षीय संबंधों के मानदंड में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है।”

इंडियन एक्सप्रेस के इनपुट के साथ