ITR Filing 2025 Last Date: इनकम टैक्स विभाग ने ITR फाइल करने की समय सीमा एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी है। अगर टैक्सपेयर समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो उन्हें जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है। वही, उन्हें कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। यहां पर हम आपको आईटीआर से रिलेटेड लेटेस्ट अपडेट दे रहे हैं…
रिटर्न फाइल करने के लिए कुछ ही घंटे है बाकी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को आयकर रिटर्न ITR फाइल करने की समय सीमा एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी है यानी आपके पास रिटर्न फाइल करने के लिए कुछ ही घंटे का समय बाकी है।
क्या है आईटीआर फाइल करने की प्रोसेस?
आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। टैक्सपेयर्स को सबसे पहले आयकर पोर्टल पर रजिस्टर करना होता है और फिर सही ITR फॉर्म चुनना होता है (जैसे वेतनभोगी और पेंशनधारकों के लिए ITR-1, बिज़नेस आय वाले करदाताओं के लिए ITR-3 आदि)। इसके बाद अपनी इनकम और टैक्स से जुड़ी जानकारी भरकर रिटर्न सबमिट करना होता है। ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग या डीमैट अकाउंट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। यदि कोई करदाता समय पर वेरिफिकेशन नहीं करता है तो रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।
अगर आप समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 5,000 रुपये, कुल आय 5 लाख रुपये तक होने पर 1,000 रुपये फाइन लगता है।
इस स्टेप के बिना आपकी आईटीआर फाइलिंग पूरी नहीं हो सकती है
क्या आपने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अपना आयकर रिटर्न फाइल कर दिया है या कर रहे हैं? याद रखें, जब तक आप ई-वेरीफिकेशन पूरा नहीं कर लेते, तब तक आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
आयकर विभाग स्पष्ट रूप से कहता है कि आपके पास आईटीआर फाइल करने की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपना रिटर्न ऑनलाइन या आईटीआर-V जमा करके वेरीफाइ करने का समय है। ई-वेरीफिकेशन के बिना, आपका रिटर्न अमान्य माना जाएगा, भले ही आपने इसे नियत तारीख से पहले फाइल किया हो।
अच्छी खबर यह है कि अगर आप आईटीआर की समय सीमा के बाद ई-सत्यापन करते हैं, तो आपको कोई जुर्माना या दंड नहीं देना होगा, बशर्ते यह 30 दिनों की अवधि के भीतर किया जाए। सत्यापन की तारीख को आपके रिटर्न जमा करने की आधिकारिक तारीख माना जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि आपकी आईटीआर फाइलिंग वैध रहेगी।
रिटर्न फाइल करने से पहले इनकम टैक्स की गणना कैसे करें?
ITR फाइल करने से पहले आयकर की गणना करना बेहद जरूरी है ताकि आप सही रिटर्न फाइल कर सकें। सबसे पहले कुल आय के स्रोतों को जोड़ें – वेतन, घर की संपत्ति, कैपिटल आदि।
इसके बाद, लागू कटौतियों (80C, 80D, NPS, HRA आदि) को घटाएं। शुद्ध कर योग्य आय पर स्लैब दर लागू करें। पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं में कर देयता की गणना और तुलना करें।
पोर्टल पर पहले से भरा हुआ डेटा आता है, लेकिन आपको उसे वेरीफाई करना होगा। कभी-कभी AIS, फॉर्म 26AS और TIS में बेमेल होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है, इसलिए उनकी दोबारा जांच कर लें।
अंतिम कर देयता की गणना अधिभार और उपकर जोड़कर की जाती है। यदि TDS पहले ही काटा जा चुका है, तो उसे घटाकर, रिफंड या शेष कर की गणना की जाएगी। आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है, इसलिए समय पर गणना करके ही रिटर्न फाइल करें।
ITR Due Date Extended: राहत की खबर! आईटीआर फाइल करने की डेट बढ़ी, जानिए कब तक भर सकते हैं रिटर्न यहां पढ़ें पूरी खबर
आईटीआर-3 किन लोगों के लिए है?
अगर आपकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से आती है तो फिर आपको आईटीआर-3 भरना होगा। इसमें इस बार एक नया कॉलम जोड़ा गया है। इसमें आपको यह बताना होगा कि आपने पुराना या नया कौन सा टैक्स सिस्टम चुना है साथ ही फॉर्म 10-IE या 10-IEA जमा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस फॉर्म में अब कैपिटल गेन्स की डिटेलिंग भी पहले से बेहतर है।
समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो कितना लगता है जुर्माना?
समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 5,000 रुपये, कुल आय 5 लाख रुपये तक होने पर 1,000 रुपये फाइन लगता है।
आईटीआर फाइलिंग के लिए किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
रिटर्न फाइल करने के लिए सैलरीड पर्सन के लिए Form 16, टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट के लिए Form 26AS, बैंक खाते की डिटेल, इंवेस्टमेंट प्रूफ, एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) आदि डाक्यूमेंट की जरुरत होगी।
ITR फॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
आयकर विभाग ने मौजूदा समय में कुल 7 प्रकार के ITR फॉर्म उपलब्ध कराए हैं।
– आईटीआर-1 (सहज): सैलरीड, पेंशनभोगी और सामान्य आय वालों के लिए
– आईटीआर-2: जिनकी आय सैलरी, संपत्ति या कैपिटल गैन से होती है।
– आईटीआर-3: कारोबार या पेशेवर आय वालों के लिए
– आईटीआर-4 (सुगम): छोटे कारोबारों और पेशेवरों के लिए
– आईटीआर-5, आईटीआर-6 और आईटीआर-7: कंपनियों, ट्रस्टों और संस्थानों के लिए
आईटीआर फाइल करने में आए दिक्कत तो अजमाएं ये तरीका
ऐसे करें आईटीआर फाइल
– सबसे पहले income tax e-filing portal पर जाएं।– पैन नंबर और पासवर्ड की मदद से लॉग-इन करें।– अब सही आईटीआर फॉर्म को सिलेक्ट करना होगा।– अब यह पर आपको e-File में मौजूद ‘Income Tax Return’ के ऑप्शन को सिलेक्ट करना है।– अगले स्टेप पर आपको ऑटो-फिल्ड Form 26AS और AIS को रिव्यू करना होगा।– अगर यह पर कोई जानकारी गलत है तो फिर आपको उसको एडिट करना होगा।– इसके बाद आप अपने फॉर्म 16 को भी क्रॉस वेरीफाई करें और इसके बाद सब्मिट कर दें।– अब आधार ओटीपी और नेट बैंकिंग के जरिए अपना आईटीआर को वेरीफाई करें।
15 सितंबर 2025 तक रिकॉर्ड 7.3 करोड़ से अधिक फाइल किए जा चुके हैं आईटीआर
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ITR Due Date Extended
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को आयकर रिटर्न ITR फाइल करने की समय सीमा एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी।
https://twitter.com/IncomeTaxIndia/status/1967654152370295087
अब तक दाखिल किए जा चुके हैं 7 करोड़ से अधिक आईटीआर
कैसे करें ITR-1 फाइल?
अगर आप सैलरीड टैक्सपेयर हैं और आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है, तो आकलन वर्ष 2025-26 में आपके लिए ITR-1 (सहज) फॉर्म सही रहेगा। इसे भरना बेहद आसान है।
- सबसे पहले आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉगइन करें।
- फिर ई-फाइल → आयकर रिटर्न → आयकर रिटर्न फाइल करें पर जाएं। आकलन वर्ष 2025-26 चुनें और स्थिति (व्यक्तिगत) चुनें।
- आईटीआर फॉर्म में वेतन विवरण, एक मकान संपत्ति और अन्य आय जैसे बचत खाते या एफडी पर ब्याज भरें।
- व्यक्तिगत विवरण और बैंक खाते की जानकारी सत्यापित करें। रिफंड पोर्टल पर पहले से गणना करके दिखाई देगा।
- वेरीफाई करें और सबमिट करें। वेरीफिकेशन के लिए आधार OTP, नेट बैंकिंग का विकल्प होगा।
ITR फाइल कर रहे हैं? रिटर्न फाइल करने से पहले इनकम टैक्स की गणना कैसे करें, जानिए
ITR दाखिल करने से पहले आयकर की गणना करना बेहद जरूरी है ताकि आप सही रिटर्न फाइल कर सकें। सबसे पहले कुल आय के स्रोतों को जोड़ें - वेतन, घर की संपत्ति, कैपिटल आदि।
इसके बाद, लागू कटौतियों (80C, 80D, NPS, HRA आदि) को घटाएं। शुद्ध कर योग्य आय पर स्लैब दर लागू करें। पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं में कर देयता की गणना और तुलना करें।
पोर्टल पर पहले से भरा हुआ डेटा आता है, लेकिन आपको उसे वेरीफाई करना होगा। कभी-कभी AIS, फॉर्म 26AS और TIS में बेमेल होने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है, इसलिए उनकी दोबारा जांच कर लें।
अंतिम कर देयता की गणना अधिभार और उपकर जोड़कर की जाती है। यदि TDS पहले ही काटा जा चुका है, तो उसे घटाकर, रिफंड या शेष कर की गणना की जाएगी। आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है, इसलिए समय पर गणना करके ही रिटर्न फाइल करें।
आईटीआर की समय सीमा में कुछ ही घंटे बाकी - 7 करोड़ आयकर रिटर्न हुए फाइल
आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि से 4 घंटे से भी कम समय पहले, आयकर विभाग ने बताया है कि 7 करोड़ से ज़्यादा आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं। यह तब है जब करदाता और कर पेशेवर तकनीकी गड़बड़ियों और TRACES पोर्टल पर लॉग इन न कर पाने और फॉर्म 26AS व TIS तक पहुँचने में असमर्थता की शिकायत कर रहे हैं।
पिछले साल, 31 जुलाई तक – जो कि निर्धारण वर्ष 2024-25 की समय सीमा है – कुल 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे। इसलिए ऐसा लगता है कि आईटीआर फॉर्म और उपयोगिताओं के धीमे वितरण के बावजूद, इस साल की संख्या पिछले साल की तुलना में निश्चित रूप से ज्यादा होगी।
इस बीच, आयकर विभाग ने संकेत दिया है कि इस वर्ष आईटीआर की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी और लोगों से नियत तिथि तक अपने आयकर रिटर्न दाखिल करने के दायित्व का पालन करने को कहा है।
किन लोगों के लिए है आईटीआर-3?
अगर आपकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से आती है तो फिर आपको आईटीआर-3 भरना होगा। इसमें इस बार एक नया कॉलम जोड़ा गया है। इसमें आपको यह बताना होगा कि आपने पुराना या नया कौन सा टैक्स सिस्टम चुना है साथ ही फॉर्म 10-IE या 10-IEA जमा करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस फॉर्म में अब कैपिटल गेन्स की डिटेलिंग भी पहले से बेहतर है।
किन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत?
रिटर्न फाइल करने के लिए सैलरीड पर्सन के लिए Form 16, टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट के लिए Form 26AS, बैंक खाते की डिटेल, इंवेस्टमेंट प्रूफ, एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) आदि डाक्यूमेंट की जरुरत होगी।
समय पर आईटीआर फाइल नहीं किया तो क्या होगा?
आपको धारा 234A के तहत किसी भी अवैतनिक कर (Unpaid Taxes) पर 1 फीसदी प्रति माह (या उसके हिस्से) की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
क्रिप्टो से कमाई? टैक्स रिटर्न भरते समय आप कौन सा ITR फॉर्म इस्तेमाल करेंगे?
अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी से लाभ कमाया है तो आईटीआर फाइलिंग में इसकी सही घोषणा करना जरूरी है। निर्धारण वर्ष 2025-26 में, क्रिप्टो आय को आभासी डिजिटल संपत्ति (VDA) माना जाएगा और इस पर 30% फ्लैट टैक्स लगाया जाएगा। ऐसे करदाताओं को ITR-2 (यदि व्यावसायिक आय नहीं है) या ITR-3 (यदि व्यावसायिक आय है) दाखिल करना होगा।
क्रिप्टो लेनदेन की जानकारी आईटीआर में एक अलग शेड्यूल में देना अनिवार्य है। कई लोग क्रिप्टो से होने वाले मुनाफे को छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन आयकर विभाग को एक्सचेंजों से डेटा मिलता है, इसलिए बेमेल होने पर जुर्माना और नोटिस मिल सकता है।
आईटीआर की अंतिम तिथि 15 सितंबर है और इसे आगे बढ़ाने की चर्चा है, लेकिन कोई आधिकारिक अपडेट नहीं है। इसलिए, क्रिप्टो निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे आज ही अपना आईटीआर दाखिल करें और सभी लाभों की सही जानकारी दें।
कुछ ही घंटे है बाकी
आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट आज यानी 15 सितंबर 2025 (सोमवार) है। आमतौर पर रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई होती है लेकिन इस साल इसे बढ़ाकर 15 सितंबर किया गया था यानी जिन टैक्सपेयर ने आईटीआर फाइल नहीं किया है। उनके पास आईटीआर फाइल करने के लिए कुछ ही घंटे है।
क्या ITR की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है?
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैली हुई हैं कि सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 15 सितंबर से आगे बढ़ा दी है। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है और करदाताओं से ऐसी फर्जी खबरों पर ध्यान न देने को कहा है।
कितना लगता है जुर्माना?
समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 5,000 रुपये, कुल आय 5 लाख रुपये तक होने पर 1,000 रुपये फाइन लगता है।
कितने प्रकार के होते हैं ITR फॉर्म?
आयकर विभाग ने मौजूदा समय में कुल 7 प्रकार के ITR फॉर्म उपलब्ध कराए हैं।
– आईटीआर-1 (सहज): सैलरीड, पेंशनभोगी और सामान्य आय वालों के लिए
– आईटीआर-2: जिनकी आय सैलरी, संपत्ति या कैपिटल गैन से होती है।
– आईटीआर-3: कारोबार या पेशेवर आय वालों के लिए
– आईटीआर-4 (सुगम): छोटे कारोबारों और पेशेवरों के लिए
– आईटीआर-5, आईटीआर-6 और आईटीआर-7: कंपनियों, ट्रस्टों और संस्थानों के लिए
आईटीआर फाइल करने में कई लोगों को आ रही दिक्कतें
आईटीआर फाइल करने की प्रोसेस
आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो चुकी है। टैक्सपेयर्स को सबसे पहले आयकर पोर्टल पर रजिस्टर करना होता है और फिर सही ITR फॉर्म चुनना होता है (जैसे वेतनभोगी और पेंशनधारकों के लिए ITR-1, बिज़नेस आय वाले करदाताओं के लिए ITR-3 आदि)। इसके बाद अपनी इनकम और टैक्स से जुड़ी जानकारी भरकर रिटर्न सबमिट करना होता है। ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार ओटीपी, नेटबैंकिंग या डीमैट अकाउंट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। यदि कोई करदाता समय पर वेरिफिकेशन नहीं करता है तो रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।
