आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार
थोड़ा ध्यान से सोच-विचार करने पर आपको पता चलेगा कि हमारी पिछली पीढ़ियों ने पैसों के मामले में कुछ गलतियां की हैं। ये गलतियां किसी प्रतिकूल परिस्थिति के कारण या सही सलाह न मिलने के कारण हुई होंगी, लेकिन हमें इन गलतियों से सबक लेना चाहिए और अपनी जिंदगी में ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। यहां कुछ ऐसी ही खास फाइनेंशियल गलतियों के बारे में बताया गया है जिनसे आपको बचकर रहना चाहिए।
एक एसेट पर फोकस न करें
पहले लोग बच्चों की पढ़ाई, शादी आदि के लिए पैसे जमा करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) जैसे परंपरागत साधनों को प्राथमिकता देते थे। ऐसे साधनों से मिलने वाले ब्याज अक्सर कम होते हैं। इसलिए, आपको अलग-अलग रिटर्न की संभावना और अलग-अलग जोखिम वाले एसेट्स में निवेश करना चाहिए। इससे आपको तरह-तरह के जोखिम से अपने पैसे को बचाने के साथ-साथ एक अच्छी-खासी रकम जमा करने में भी मदद मिलेगी।
निवेश करने में देरी
कई लोगों को आगे चलकर अफसोस होता है कि उन्होंने देर कर दी। निवेश करने में देर करने पर अंत में कम ब्याज मिलता है और कम समय में ज्यादा जोखिम उठाना पड़ता है। स्थिर तरीके से एक अच्छा-खासा फंड तैयार करने के लिए समय से पहले निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। चाहे वह कितनी भी छोटी रकम क्यों न हो, लंबे समय तक इनवेस्ट करते रहने से आपको अपने रिटायरमेंट तक एक बहुत बड़ी धनराशि जमा करने में मदद मिल सकती है।
बैंक अकाउंट में बेकार पड़ा है पैसा
पहले लोग घर पर ही पैसे जमा करके रखते थे, या फिर उन्हें बैंक अकाउंट में डाल देते थे। जिन पर उन्हें बहुत कम ब्याज मिलता था। इस तरीके से पैसों का इस्तेमाल करने की आदत से बचना चाहिए। पैसों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए आप लिक्विड फंड्स और शॉर्ट टर्म बॉन्ड फंड्स में पैसे निवेश कर सकते हैं जहां से आपको बैंक से ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
इंश्योरेंस
पहले लोग इंश्योरेंस पर ध्यान नहीं देते थे। यदि वे इंश्योरेंस खरीद भी लेते हैं तो भी वह उतना पर्याप्त नहीं होता है जितना होना चाहिए। बढ़ती महंगाई और इलाज के बढ़ते खर्च को देखते हुए, आपको अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो में एक पर्याप्त कवरेज देने वाला लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के महत्व को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इन्हें खरीदने से पहले आपको यह जरूर देख लेना चाहिए कि ये आपकी जरूरतों को पूरा करते हैं या नहीं।
टैक्स बचाने पर ध्यान देना
हालांकि टैक्स बचाने के तरीकों पर आपको जरूर ध्यान देना चाहिए, लेकिन फिर भी आपका इन्वेस्टमेंट प्लान पूरी तरह से इसी पर आधारित नहीं होना चाहिए। यही हमारी पिछली पीढ़ी की सबसे बड़ी समस्या रही है, क्योंकि वे अक्सर सिर्फ ऐसे ही एसेट्स में निवेश करते थे जिसमें टैक्स बचाने की संभावना हो। वे रिटर्न पर उतना ध्यान नहीं देते थे जितना टैक्स बचाने पर देते थे। आपको टैक्स बचाने के साथ-साथ रिटर्न पर भी ध्यान देना चाहिए। ऐसे एसेट्स में निवेश करना चाहिए जहां आपको ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना हो ताकि आप एक बहुत बड़ी धनराशि जमा कर सकें।
कोई रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं
पहले लोग अपना पूरा पैसा घर खरीदने या बनाने, बच्चों की पढ़ाई और शादी में खर्च कर देते थे। रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए पैसे बचाकर नहीं रखते थे, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। इसलिए, पर्सनल फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय रिटायरमेंट की प्लानिंग करने पर भी ध्यान देना चाहिए। इसकी शुरुआत समय से पहले ही कर देनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए पैसे जमा करने के लिए आपको एक लॉन्ग टर्म फंड में इनवेस्ट करना चाहिए।