इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि 100 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत का दरवाजा खटखटा रहा है और अब यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे जितना चाहें इसका लाभ उठा सकते हैं।
अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सबके लिए अनुकूल करार देते हुए मोदी ने कहा कि विदेशी निवेशकों को भारत को सिर्फ एक बाजार की तरह नहीं देखना चाहिए बल्कि उन्हें इसे एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र में तब्दील करने पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि भारतीयों की खरीद शक्ति बढ़े।
प्रधानमंत्री ने यहां वैश्विक निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा ‘‘जापान, चीन और अमेरिका से 100 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत आने के लिए वीजा मांग रहा है। अब राज्यों की बारी है कि वे इस मौके का कितना लाभ उठाते हैं। सड़कें काफी खुली हैं। जो राज्य तैयार हैं वे इसमें से बड़ा हिस्सा झटक सकते हैं।’’
इस बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी, एडीएजी के प्रमुख अनिल अंबानी, अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी और टाटा समूह के प्रमुख सायरस मिस्त्री मौजूद थे।
पिछले दो महीने में प्रधानमंत्री ने जापान और अमेरिका की यात्रा की और विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया है।
उन्होंने कहा ‘‘हम जब मेक इन इंडिया की बात करते हैं तो हम चाहते हैं विश्व में भरोसा पैदा हो कि भारत में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। कृपया, भारत को सिर्फ बाजार न समझें .. कि सामान झोंके, उसे बेचें और मुनाफा कमाएं।’’
मोदी ने कहा ‘‘मैं विश्व को कहता हूं कि वे अपने आपको इतने तक ही सीमित नहीं रखें। यदि भारत संपन्न नहीं होगा तो इसकी खरीद ताकत नहीं बढ़ेगी। यदि भारत की खरीद ताकत नहीं बढ़ेगी तो भारत को बाजार के तौर पर देखने का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन करने पर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को विकास के एजेंडे पर संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और केंद्र उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगा।