Paytm Success Story: नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा फायदा उठाने वाली कंपनियों में से एक मानी जाने वाली Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने इसे लेकर कई अहम बातें बताई हैं। नोटबंदी के अगले ही दिन पीएम मोदी की तस्वीरों वाले पेटीएम के विज्ञापन पर काफी विवाद हुआ था। यहां तक कहा गया था कि सरकार के इस कदम से पेटीएम को फायदा हुआ है और इसलिए ही यह फैसला लिया गया था।

इस पर पेटीएम के संस्थापक ने कहा कि दरअसल यह विज्ञापन किसी योजना के तहत नहीं प्रकाशित किया गया था। उन्होंने पीएम मोदी की तस्वीर छापने पर विवाद को लेकर कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि नोटंबदी कितना अहम कदम है।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 की रात को 8 बजे नोटबंदी का ऐलान किया था। अगले ही दिन से बैंकों में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थीं। नोटबंदी के उस दौर में जब करंसी की कमी थी, तब पेटीएम एप का इस्तेमाल काफी बढ़ गया था। एक कार्यक्रम में अपने उस विज्ञापन को लेकर विजय शेखर शर्मा ने कहा कि आप 4 साल बाद भी उसके बारे में बातें कर रहे हैं, लेकिन हम सिर्फ लोगों का ध्यान एटीएम की बजाय पेटीएम पर लाना चाहते थे। इसके लिए हमने टैगलाइन दी थी, अब एटीएम नहीं, पेटीएम करो।

पीएम मोदी की तस्वीर वाले विज्ञापन की तैयारी के बारे में उन्होंने बताया, ‘मैंने अपनी टीम को बुलाया और कहा कि हम कल एक विज्ञापन जारी कर सकते हैं। यह समय उसके लिए अच्छा है। लेकिन, मुझे यह नहीं पता था कि क्या चल रहा है। मैंने अपनी टीम से विज्ञापन में प्रधानमंत्री की तस्वीर छापने को कहा।’ उन्होंने कहा कि हमने यह सोचा कि यदि कुछ नहीं भी होगा, तब भी लोग यह सोचेंगे ही कि इस विज्ञापन का ताल्लुक कहीं न कहीं पीएम से है।

सरकार की परमिशन के बिना छापी थी पीएम मोदी की तस्वीर: उन्होंने कहा कि सरकार की मंजूरी के बिना ही पीएम की तस्वीर वाला विज्ञापन जारी करने के बाद काफी दिक्कतें भी आई थीं। इसकी वजह यह थी कि सरकार की परमिशन लिए बिना ऐसा विज्ञापन छापने को कोई संस्थान राजी नहीं था। हालांकि कुछ जगहों पर यह छपा था। माना जाता है कि नोटबंदी के बाद सबसे डिजिटल पेमेंट के कारोबार में जितनी तेजी से पेटीएम का विकास हुआ, उतना फायदा किसी और कंपनी को नहीं हुआ।