एचडीएफसी बैंक 100 बिलियन डॉलर मार्केट कैप वाली तीसरी भारतीय कंपनी बन गई है। एचडीएफसी से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंस्लटेंसी सर्विस (टीसीएस) ने यह मुकाम हासिल किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का कुल मार्केट कैप 140.74 अरब डॉलर (करीब 10 लाख करोड़) और टीसीएस का मार्केट कैप 114.60 अरब डॉलर (करीब 8.14 लाख करोड़) रुपए है। एचडीएफसी का मार्केट कैप 99.5 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया है।

ब्‍लूमबर्ग डाटा के मुताबिक, इस लिहाज से एचडीएफसी दुनिया की 110वीं ऐसी कंपनी है जिसका मार्केट कैप 100 बिलियन डॉलर से ऊपर है। इस मुकाम को छूते ही निवेशकों ने इस कंपनी पर तेजी के साथ पैसा निवेश करना शुरू कर दिया है। निवेशकों को आस है कि कंपनी के मौजूदा समय में और बेहतर करने से उन्हें भी फायदा होगा। शेयर बाजारों में जारी तेजी की वजह से बैंक के शेयर में लगातार लिवाली बनी हुई है।

विश्लेषकों के मुताबिक, इस मुकाम को छूने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि एचडीएफसी मजबूत ऋण वृद्धि को आगे बढ़ाएगा। विश्लेषकों ने कहा कि बैंक उत्पादकता और डिजिटलीकरण पर अधिक ध्यान देगी और आगे भी अपने प्रॉफिट में वृद्धि करती रहेगी।

बता दें कि बीते महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज 10 लाख करोड़ रुपए के मार्केट कैप वाली देश की पहली कंपनी बनी थी। बीएसई पर रिलायंस के शेयर में 0.7% तेजी आने से वैल्यूएशन में 5 हजार करोड़ रुपये का इजाफा हुआ जो कि 9 लाख 95 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। भारत में तमाम औद्योगिक कंपनियों में मुकेश अंबानी की कंपनी टॉप पर है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एचडीएफसी, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक है।

बता दें कि मार्केट कैपिटलाइजेशन किसी कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों के मूल्य को दिखाता है। इसका शेयर की कीमत पर असर पड़ता है। कोई भी कंपनी या निवेशक किसी कंपनी में निवेश करना चाहता है तो वह उसके मार्केट कैपिटलाइजेशन को देखता है।