GST Explainer: भारत की टैक्स व्यवस्था में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) का लागू होना एक ऐतिहासिक सुधार था। इसे केवल नया टैक्स नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव माना जाता है। जीएसटी ने कर प्रणाली (Tax System) को पहले से कहीं ज्यादा आसान, पारदर्शी और एकरूप बना दिया। हाल ही में 15 अगस्त के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST स्ट्रक्चर में बदलाव का ऐलान किया था। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने भी जीएसटी में 5 और 18 प्रतिशत के दो स्लैब होने के नियम को मंजूरी दे दी है। अब उम्मीद की जा रही है कि दिवाली के मौके पर जीएसटी के नए स्लैब आने के साथ ही रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी और आम आदमी को राहत मिलेगी। लेकिन आज हम बात करेंगे जीएसटी के इतिहास के बारे में और आपको बताएंगे कि भारत में इसके लागू होने की वजह क्या थी। साथ ही जानेंगे इससे जुड़े फायदे-नुकसान।

जीएसटी का इतिहास

दुनिया में जीएसटी की शुरुआत सबसे पहले 1954 में फ्रांस में हुई थी। धीरे-धीरे यह टैक्स मॉडल सफल साबित हुआ और आज लगभग 160 से अधिक देशों में लागू है।

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भारत में इसकी चर्चा साल 2000 में शुरू हुई, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक समिति गठित की। इस समिति को जीएसटी का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई।

लगभग 17 साल तक लगातार चर्चा, संशोधन और राज्यों-केंद्र के बीच बातचीत के बाद आखिरकार 1 जुलाई 2017 की आधी रात को संसद भवन में जीएसटी पास किया गया। उस समय जीएसटी को ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का नाम दिया गया।

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भारत में जीएसटी क्यों लागू हुआ?

भारत जैसे बड़े देश में पहले टैक्स व्यवस्था बहुत जटिल थी। केंद्र और राज्यों दोनों के अलग-अलग टैक्स थे, जैसे एक्साइज ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स, हाउस टैक्स, एंट्री टैक्स, आदि। इन सबकी वजह से व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को दिक्कतें आती थीं। इस तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों (Direct and Indirect Tax) के कारण ही जीएसटी को लाया गया था।

जीएसटी लागू करने के मुख्य कारण थे:

कई टैक्सों से छुटकारा, अलग-अलग करों को हटाकर सिर्फ एक टैक्स लागू किया गया।

Tax on Tax खत्म, पहले एक ही सामान पर कई बार टैक्स लगता था, जीएसटी ने इसे खत्म कर दिया।

कारोबार में आसानी, अब पूरे देश में एक जैसा नियम लागू है।

जीएसटी एक डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था है और ऑनलाइन बेस्ड है जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगी।

जीएसटी की संरचना

भारत में जीएसटी को तीन हिस्सों में बांटा गया है:

CGST (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर): केंद्र सरकार को मिलने वाला टैक्स।

SGST (राज्य वस्तु एवं सेवा कर): राज्य सरकार को मिलने वाला टैक्स।

IGST (एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर): जब एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान या सेवा जाती है, तब लगाया जाने वाला टैक्स।

जीएसटी के फायदे

एक राष्ट्र, एक टैक्स- पूरे देश में कर व्यवस्था समान हो गई।

उपभोक्ताओं को राहत- टैक्स के दोहराव से छुटकारा मिलने पर कई चीजें सस्ती हुईं।

व्यापारियों को सुविधा- अलग-अलग राज्यों के झंझट खत्म हुए।

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा- जीएसटी पूरी तरह ऑनलाइन है।

सरकार की कमाई बढ़ी- टैक्स चोरी कम होने से राजस्व में इजाफा हुआ।

जीएसटी की चुनौतियां

जब भी कोई नया कानून लाया जाता है तो उसकी अपनी चुनौतियां भी होती हैं। हर सुधार के साथ कुछ दिक्कतें आती हैं। जीएसटी के साथ भी यही हुआ:

छोटे व्यापारियों को शुरू में इसे समझने और अपनाने में कठिनाई हुई।

टैक्स स्लैब (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) ज्यादा होने से थोड़ी जटिलता बनी रही।

शुरुआती दिनों में जीएसटी पोर्टल की तकनीकी समस्याएं भी सामने आईं।

भारत में जीएसटी लागू होना एक ऐतिहासिक कदम था। इसने कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया और देश के आर्थिक ढांचे को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई। ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की यह सोच व्यापार और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद साबित हुई है। लेकिन पिछले कुछ समय में GST चोरी की खबरें भी सामने आई हैं। और सरकार की तरफ से इस सिस्टम को और ट्रांसपेरेंट व कंज्यूमर फ्रेंडली बनाने की किवायद की जा रही है।

भविष्य में जैसे-जैसे जीएसटी को और सरल बनाया जाएगा, यह भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने वाला साबित होगा।

GST क्या है?

सबसे पहला सवाल ये है कि आखिर GST है क्या? इसे कब लागू किया गया, इसमें कितनी तरह के टैक्स लगते हैं? आपको आसान भाषा में समझाते हैं जीएसटी की पूरी कहानी यहां पढ़ें

FAQ: जीएसटी (GST) से जुड़े आम सवाल

सवाल: जीएसटी (GST) कब लागू हुआ था?
जवाब: जीएसटी भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था। इसे मध्यरात्रि में संसद भवन में विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया था।

सवाल: भारत में जीएसटी क्यों लागू किया गया?

जवाब: जीएसटी का उद्देश्य था अलग-अलग करों (जैसे एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स) को खत्म कर एक एकीकृत कर प्रणाली लाना, ताकि टैक्स व्यवस्था सरल और पारदर्शी हो सके।

सवाल: जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है?
जवाब: GST का मतलब है Goods and Services Tax यानी वस्तु एवं सेवा कर।

सवाल: जीएसटी के कितने प्रकार हैं?
जवाब: भारत में जीएसटी तीन प्रकार का है:

CGST – केंद्र सरकार को जाने वाला टैक्स।

SGST – राज्य सरकार को जाने वाला टैक्स।

IGST – एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार होने पर लगाया जाने वाला टैक्स।

सवाल: जीएसटी से उपभोक्ताओं को क्या फायदा हुआ?
जवाब: सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि एक ही उत्पाद पर दोबारा टैक्स लगना बंद हो गया (Tax on Tax खत्म हुआ) और कई वस्तुएं व सेवाएं पहले से सस्ती हो गईं।

सवाल: क्या जीएसटी से छोटे व्यापारियों को भी लाभ हुआ है?
जवाब: शुरुआत में छोटे व्यापारियों को कठिनाई हुई, लेकिन समय के साथ ऑनलाइन प्रक्रिया आसान हुई और उन्हें पूरे देश में एक समान टैक्स ढांचे का फायदा मिला।