रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक इंटरव्यू में RBI के काम की तुलना क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर से की और कहा कि केंद्रीय बैंक भारतीय क्रिकेटर गावस्कर की तरह स्थिर और चुपचाप तरीके से अपनी भुमिका निभा रहा है।
शक्तिकांत दास ने ईटी नाउ को दिए इंटरव्यू में ईटी नाउ के प्रबंध संपादक निकुंज डालमिया को बताया कि आरबीआई पिछले कुछ समय से काफी तरलता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि “मुझे याद है कि 70 के दशक में जब सुनील गावस्कर अपने चरम पर थे, तो आपको लगता है कि वह बहुत धीमा खेल खेल रहे हैं, लेकिन उन्होंने शतक बनाया है, इसलिए कभी-कभी मौन के बजाय कार्रवाई की जाती है, लेकिन वे दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए थोड़े इंतजार के बाद आरबीआई के काम के बारे में जानकारी होगी।”
शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI प्रत्येक गेंद के आधार पर शॉट चयन कर रहा है। कभी-कभी आपको फ्रंट फुट खेलना पड़ता है, कभी-कभी आपको बैक फुट खेलना पड़ता है, लेकिन पिछले ढाई-तीन वर्षों में जब से महामारी शुरू हुई है, तब से हम फ्रंट फुट में खेल रहे हैं और मुझे लगता है वर्तमान समय में हम फ्रंट फुट में खेलेंगे, लेकिन जब जरूरी होगा तो हम पीछे हटेंगे और एक या दो गेंदें जीतेंगे और शायद थोड़ा लेट कट भी लगाएंगे।
गर्वनर ने कहा कि कई विश्लेषक, बाजार सहभागी और पूर्वानुमानकर्ता इस तथ्य की ओर इशारा कर रहे हैं कि मुद्रास्फीति के आसपास की उम्मीदें स्थिर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति चरम से कम हो गई है। कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में भी नरमी बनी है, जो महंगाई को कंट्रोल करने में सहायक बन रही है। दास ने कहा कि मुद्रास्फीति अभी अधिक है और इसके मध्यम होने की उम्मीद है।
उन्होंने रिजर्व बैंक के प्लान को बताते हुए कहा कि अब लक्ष्य मुद्रास्फीति को 6 फीसदी से नीचे लाना है और फिर लक्ष्य को 4% तक ले जाना है। दास ने तर्क दिया कि कई कारक मुद्रास्फीति में योगदान करते हैं, जिसमें यूरोप और यूएसए जैसे क्षेत्रों से विश्व स्तर पर स्पिलओवर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी पूरा ध्यान वित्तीय स्थिरता बनाए रखने पर है।