केंद्रीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति आय कार्यक्रम को अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश के तहत सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में अपना योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत करने पर सहमत हो गयी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस कदम से 36 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ होगा। इसके अलावा कर्मचारियों को 10 प्रतिशत तक व्यक्तिगत योगदान पर कर योग्य आय से छूट मिल जाएगी।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली सरकार का प्रायोजित पेंशन कार्यक्रम है। सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी, 2004 में इसकी शुरुआत की गयी थी। हालांकि बाद में इसे सभी क्षेत्रों के लिए खोल दिया गया। फिलहाल सरकार तथा कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 प्रतिशत है।
कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा जबकि सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 प्रतिशत अंतरित करने को मंजूरी दी गई जो फिलहाल 40 प्रतिशत है।
सूत्रों ने कहा कि साथ ही कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा। उसने कहा कि मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसका पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक होगा।
सरकार ने राजस्थान में शुक्रवार को होने वाने चुनाव के मद्देनजर इस फैसले की घोषणा बृहस्पतिवार को नहीं की। सूत्रों ने कहा कि सरकार को अभी नई योजना की अधिसूचना की तारीख के बारे में निर्णय करना है। उनका कहना है कि कई परिवर्तनों के लिए आयकर अधिनियम में संशोधन की जरूरत होगी और इसलिए यह बदलाव एक अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा।