सरकार ने लोगों को राहत देते हुए शुक्रवार को एक बार फिर गैस सिलेंडरों की कीमतों में कमी का ऐलान किया है। इस बार सरकार ने कॉमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में कटौती की है। इसमें तकरीबन 150 रुपये कम किये गये है। शुक्रवार से एलपीजी, तरलीकृत प्रोपेन और तरलीकृत ब्यूटेन के आयात को 15 प्रतिशत कृषि उपकर से छूट दी है। सरकार ने जुलाई में इन वस्तुओं के आयात पर 15 फीसदी कृषि उपकर लगाया था। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एलपीजी, तरलीकृत प्रोपेन और तरलीकृत ब्यूटेन के आयात को 1 सितंबर से प्रभावी कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकास उपकर (AIDC) से पूरी तरह छूट दी गई है।

कुछ महीनों से लगातार कीमतें बढ़ रही थीं

इस बदलाव से नई दिल्‍ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1522.50 रुपये हो गई है। इससे पहले चार जुलाई को कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 1780 रुपये पहुंच गए थे। हाल ही में सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर (LPG) के दाम 200 रुपये घटा दिए थे। सरकार के नए फैसले के बाद अब LPG सिलेंडर (14.2 किलो) की कीमतों में बड़े बदलाव हुए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में अब 14.2 किलो के घरेलू एलपीजी सिलेंडर 903 रुपये में बिक रहे हैं।

देश में 33 करोड़ घरेलू गैस उपभोक्‍ता हैं

केंद्रीय मंत्री अनुराग स‍िंंह ठाकुर ने कैब‍िनेट के फैसलों की जानकारी 29 अगस्‍त को देते हुए बताया था क‍ि देश में 33 करोड़ घरेलू गैस उपभोक्‍ता हैं और इन सबके ल‍िए 200 रुपए प्रत‍ि स‍िलेंडर कीमत कम कर दी गई है। उन्‍होंने बताया क‍ि इससे साल 2023-24 में सरकार पर 7680 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। ठाकुर ने यह भी बताया था क‍ि 75 लाख मह‍िलाओं को और उज्‍ज्‍वला कनेक्‍शन द‍िया जाएगा। मंत्री ठाकुर ने बताया क‍ि इन्‍हें ब‍िना कोई पैसा ल‍िए गैस स्‍टोव, पाइप और गैस स‍िलेंडर द‍िया जाएगा।

सरकारी वेबसाइट के मुताब‍िक प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना (पीएमयूवाय) के तहत एक अप्रैल, 2023 तक 9.59 करोड़ एलपीजी कनेक्‍शन द‍िए गए हैं। नौ साल में एलपीजी की घरेलू ब‍िक्री 58 फीसदी बढ़ी है, जबक‍ि घरेलू ग्राहकों की संख्‍या दोगुनी से भी ज्‍यादा (14.52 करोड़ से 31.40 करोड़) हो गई है।

हालांक‍ि, अनुराग ठाकुर ने 29 अगस्‍त को स‍िलेंडर सस्‍ता होने की खबर देते हुए देश में घरेलू गैस उपभोक्‍ताओं की संख्‍या 33 करोड़ बताई। अगर हर उपभोक्‍ता के यहां दो मतदाता के ह‍िसाब से भी जोड़ा जाए तो सरकार का यह फैसला करीब 75 फीसदी वोटर्स को लुभाने का जर‍िया बन सकता है। बता दें क‍ि 2019 में देश में मतदाताओं की कुल संख्‍या करीब 90 करोड़ थी।