कोरोना वायरस के चलते देश में लॉक डाउन जैसे हालात होने और कारोबारों के ठप होने के स्थिति में कर्मचारियों की सैलरी पर मार न पड़े, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर गुरुवार रात 8 बजे देश के नाम संबोधन में भी कारोबारियों और उद्योग जगत से अपील करते हुए कहा था कि इस कठिन समय में भी कर्मचारियों का ख्याल रखें और उनकी सैलरी न काटें। उद्योग जगत से जुड़े संगठनों फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और एसोचैम की ओर से 14 मार्च को लिखे खत में कॉमर्स मिनिस्ट्री ने भी यह अपील की थी।
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अपने पत्र में लिखा, ‘स्थितियों का पूरा ख्याल रखें और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी समय पर अदा करें ताकि उनकी आजीविका पर किसी तरह का संकट न पैदा हो सके।’ कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे जितना संभव हो सके कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देते हुए काम कराएं। इसके अलावा कंपनी परिसरों को सैनिटाइज कराने की भी सलाह दी गई है।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में कहा था कि कोरोना वायरस दुनिया समेत भारत पर भी एक बड़ा संकट है। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा था कि सरकार ने आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की लीडरशिप में इकनॉमिक रेस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है।
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अपने आदेश में कहा था, ‘वर्क प्लेस और फैक्ट्रियों में एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर सैनिटाइजर्स रखने की जरूरत है। इसके अलावा कंपनियों में एंट्री से पहले हर कर्मचारी के शरीर के तापमान को भी मापा जाना चाहिए।’ इस बीच कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने सदस्य कंपनियों से अपील की है कि वे कर्मचारियों की छंटनी न करें। सीआईआई के प्रेसिडेंट विक्रम किर्लोस्कर ने कहा, ‘हम अपने संगठन से जुड़ी कंपनियों से अपील कर रहे हैं कि वे जहां तक संभव हो कर्मचारियों की छंटनी न करें।’