केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब कर्मचारी पेंशन और रिटायरमेंट लाभों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए नए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद अपनी पेंशन या पेंशन भुगतान आदेश (PPO) के लिए महीनों तक इंतजार न करना पड़े।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) की एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों से पेंशन संबंधी सभी औपचारिकताएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी करने को कहा गया है ताकि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के तुरंत बाद उनका पीपीओ प्राप्त हो सके।

पेंशन प्रोसेस का डिजिटलीकरण

सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग DoPPW ने हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी मंत्रालयों और विभागों को अपने कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड को डिजिटल बनाना होगा और ई-मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली प्रणाली को पूरी तरह से अपनाना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक कर्मचारी का सत्यापित सेवा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध हो, जिससे पेंशन प्रक्रिया में किसी भी तरह की देरी को रोका जा सके।

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हर विभाग में होगा ‘पेंशन मित्र’

नई व्यवस्था के तहत, एक “पेंशन मित्र” या कल्याण अधिकारी की अवधारणा शुरू की गई है। यह अधिकारी हर विभाग में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की सहायता करेगा ताकि उन्हें फॉर्म भरने, डॉक्यूमेंट तैयार करने और अन्य प्रक्रियाओं में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में, यह अधिकारी परिवार के सदस्यों की भी सहायता करेगा ताकि पारिवारिक पेंशन दावे समय पर दायर किए जा सकें।

सतर्कता मंजूरी से रुकेगी पेंशन में देरी

सतर्कता मंजूरी (Vigilance clearance) से जुड़ी प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। अक्सर इसके वजह से पेंशन भुगतान में देरी होती है, नए नियमों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सतर्कता मंजूरी के अभाव में किसी भी परिस्थिति में पेंशन नहीं रोकी जाएगी। यदि किसी कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही लंबित है, तो उसे अनंतिम पेंशन जारी की जाएगी, जबकि अंतिम आदेश जारी होने तक ग्रेच्युटी भुगतान रोका जा सकता है।

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भविष्य पोर्टल का होगा व्यापक इस्तेमाल

सभी मंत्रालयों को भविष्य पोर्टल का उपयोग करने के लिए कहा गया है। यह पोर्टल पेंशन मामलों की वास्तविक समय निगरानी प्रदान करता है और हर चरण में प्रगति पर नजर रखता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि रिटायरमेंट की तारीख से कम से कम दो महीने पहले पीपीओ/ई-पीपीओ जारी किए जाएं। वर्तमान में, 10,000 से अधिक आहरण एवं संवितरण कार्यालय (DDO) इस पोर्टल से जुड़े हैं।

बनाया जाएगा ‘Oversight mechanism’

पेंशन मामलों की निगरानी के लिए एक Oversight Monitoring Mechanism (OSM) विकसित किया गया है। इसके अंतर्गत, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग और प्रत्येक मंत्रालय में एक नोडल निरीक्षण समिति की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, एक उच्च-स्तरीय निरीक्षण समिति (HLOC) का गठन किया जाएगा, जो हर दो महीने में लंबित मामलों की समीक्षा करेगी और मंत्रालयों के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी।

पीपीओ समय पर जारी करने की सख्त समय-सीमा

CCE (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 63(1)(A) के अनुसार, अब किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसकी रिटायरमेंट डेट से दो महीने पहले पीपीओ/ई-पीपीओ जारी करना अनिवार्य है। सभी विभागों को इस टारगेट को प्राप्त करने के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं।