अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस शख्स बन गए हैं। इस मुकाम पर पहुंचने वाले गौतम अडानी एशिया के पहले शख्स हैं। पिछले दशक में अडानी ग्रुप ने दुनियाभर में 40 अधिग्रहण किए हैं, जिनमें से 35 के अधिग्रहण पांच सालों में किए हैं। अडानी बड़ी-बड़ी डील साइन करने पर पार्टी करने से परहेज करते हैं और इसका जश्न वह केवल टोस्ट और पानी के साथ मनाते हैं।
पिछले एक साल में अडानी ने अपनी संपत्ति में हर दिन 1,600 करोड़ रुपये का इजाफा किया है, जो अब लगभग 11. 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है। 2021 में कुल नेटवर्थ के मामले में अंबानी गौतम अडानी से 2 लाख करोड़ रुपये आगे थे जबकि साल 2022 में अडानी अंबानी से 4. 6 लाख करोड़ रुपये आगे हो गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 1977 में अडानी के मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद उनके मामा की मजाक में की गई एक टिप्पणी उनके दिल में चुभ गई। मामा ने मजाक में कहा कि अडानी को इस छोटे परिवार के कपड़ा कारोबार को आगे बढ़ाना होगा, चाहे उसने कितनी भी पढ़ाई कर लें। वह कहते हैं, “उनके शब्दों ने मेरे अंदर कुछ भर दिया, मैं एक अच्छा स्टूडेंट था लेकिन उन शब्दों के बाद कुछ बड़ा करने का मन में विचार पनपने लगा।”
इसके तुरंत बाद अडानी ने मुंबई के एक कॉलेज में दाखिला लिया। कॉमर्स की पढ़ाई के दौरान, उनकी तेज-तर्रार प्रवृत्ति ने उन्हें हीरा कारोबार में हाथ आजमाने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, उन्हें गुजरात में शुरू की गई उनके परिवार की छोटी कपड़ा फैक्ट्री चलाने में मदद करने के लिए कॉलेज छोड़ना पड़ा।
1980 के दशक के आखिर में गौतम अडानी को महसूस हुआ कि ट्रेडिंग उनकी ताकत है और उन्होंने अडानी एक्सपोर्ट्स की शुरूआत की, जो कुछ ही समय में ऊंचाइयों को छूने लगी। अडानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुंद्रा पोर्ट 1998 में चालू किया गया था और जब नरेंद्र मोदी ने 2001 में गुजरात के सीएम की कुर्सी संभाली, तब तक अडानी ग्रुप एक एक्पोर्ट हाउस से इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में बदल चुका था। पीएम मोदी से अपनी नजदीकी के बारे में पूछे जाने पर, अडानी ने कहा कि उन्होंने पार्टी लाइन से अलग हर किसी के साथ अच्छे संबंध कायम रखे हैं।